Menu
blogid : 4181 postid : 167

हर ख्वाहिश तेरे बगैर : “valentine contest”

अंधेरगर्दी
अंधेरगर्दी
  • 26 Posts
  • 322 Comments

रह गई दिल में अधूरी ,हर ख्वाहिश तेरे बगैर ,

कैसे खुश रह कर गुज़ारूँ ,ज़िन्दगी तेरे बगैर ?

या खुदा को इल्म है या मै समझता हूँ इसे ,

जो कमी महसूस होती है मुझे तेरे बगैर !

कैसे काटेंगे वो तनहा अपनी सारी ज़िन्दगी ?

एक पल जिसने न काटा हो कभी तेरे बगैर !

क्या बताऊँ किस कदर फीके नज़र आने लगे ,

चाँद तारो में नहीं वो रौशनी तेरे बगैर !

तेरी यादो के तेरे रंगी ख्यालो के लिए ,

नाम को जिंदा है तनहा आज भी तेरे बगैर !

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh