अंधेरगर्दी
- 26 Posts
- 322 Comments
रह गई दिल में अधूरी ,हर ख्वाहिश तेरे बगैर ,
कैसे खुश रह कर गुज़ारूँ ,ज़िन्दगी तेरे बगैर ?
या खुदा को इल्म है या मै समझता हूँ इसे ,
जो कमी महसूस होती है मुझे तेरे बगैर !
कैसे काटेंगे वो तनहा अपनी सारी ज़िन्दगी ?
एक पल जिसने न काटा हो कभी तेरे बगैर !
क्या बताऊँ किस कदर फीके नज़र आने लगे ,
चाँद तारो में नहीं वो रौशनी तेरे बगैर !
तेरी यादो के तेरे रंगी ख्यालो के लिए ,
नाम को जिंदा है तनहा आज भी तेरे बगैर !
Read Comments