सीधा, सरल जो मन मेरे घटा
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अथाह भीड़,
रिजर्वेशन
और टिकटें.
सदैव दो टिकटें
होती हैं
मेरी जेब में.
एक टिकट
परदेस से प्रिय तक
सफ़र कराती है,
तुमसे मिलाती है.
दूसरी
विरह की
आग सुलगाती है
विछोह के दर्द की
टीस को जगाती है
दूर,
तुमसे दूर ले जाती है.
दोनों टिकटों का फर्क
तुम्हारी आँखों में देखता हूँ.
इसीलिये
दूसरी टिकट को मैं
तुमसे छिपाकर रखता हूँ.
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