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जहा चाह है , वहां राह है. कुछ करने की चाहत , ज़िंदगी में कुछ कर गुजरने का ज़ज़्बा , यह कुछ ऐसी खूबियाँ है जो इंसान को भीड़ से अलग करती है. मैंने कई बार लोगो को किस्मत पर दोषा रोपड़ करते देखा है, की काश हमारे पास साधन होते , हम बलशाली नहीं है, कुछ करने की अब उम्र नहीं रही हमारी. ऐसा आम ज़िंदगी में भी होता है की जब हम कोई अपराध होते देखते है तो अपना पल्ला छुड़ाना चाहते है, अपने नागरिक होने का फ़र्ज़ अदा नहीं करते है हम. लोगो की मदद को पुकार को हम अनसुना कर देते है?
पर इन सब बातो को पीछे छोड़ मिर्ज़ापुर के एक ६० साल के बुज़ुर्ग रामजीत यादव ने यह सिद्ध कर दिया की जहा चाह है वहां राह है . उन्होंने अपनी आत्मा , अपने साहस को ललकार दी और अपनी जान की परवाह न करते हुए १५ बच्चो की जान बचाई. रोज़ के तरह जब रामजीत यादव गंगा नदी पार कर रहे थे एक नाव में, तभी नाव में पानी भरने लगा , उनके साथ १५ स्कूल जाते बच्चे भी थे . बच्चे डर के मारे रोने लगे , मदद के लिए पुकारने लगे.तभी रामजीत ने सारी समस्या को समज़ा , उम्र कभी किसी के पैर नहीं बांध सकती, क्योकि वास्तव में कुछ भी असंभव नहीं होता है? वो बच्चो को लेकर पानी में कूद गए , उन्हें १२ साल की उम्र से तैरना आता था , क्योकि उनके घर के पास नदी थी. उनका साहस देख नदी के किनारे खड़े लोगो में भी हिम्मत बंधी , और उन्होंने रामजीत की मदद की ? और बच्चो को बचाया . रामजीत ने यह भी कहा की प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाइये जिससे बच्चे स्कूल जाने के लिए नदी पार न करे ? उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री “अखिलेश यादव के द्वारा सम्मानित किया जायेगा.
वास्तव मिर्ज़ापुर के हीरो ने मानवता का सिर गौरव से ऊचा कर दिया . ऐसा कहा भी जाता है की आप जो कुछ सीखते है, आपकी मेहनत कभी ख़राब नहीं जाती , आज गाव के एक वृद्ध ने बच्चो के लिए संजीवनी का काम किया. उनके इरादे बुलंद थे. क्या रिश्ता था उनका उन मासूम बच्चो से, वो चाहते तो सिर्फ अपने बारे में सोचते? पर उनकी आत्मा ने, उनके ज़ज़्बे ने उन्हें आज भीड़ में अलग पहचान दी.
कई बार लोग कहते है की अभी हम ज्यादा पैसे नहीं कमाते दुसरो की क्या मदद करे ? लोग हमेशा परेशानियों का रोना रोते
है पर हमसब यह भूल जाते है की मुश्किलें दिल के हमारे मंन के इरादे आज़माती है , हमारे सपनो की दुनिया से हमें बाहर लाती है हमारी आज और आने वाले कल से पहचान कराती है. आज रामजीत यादव की बहादुरी देख वास्तव में उनसे बहुत कुछ सिखने को मिला , वास्तव में साहस इंसानी जीवन की वो मशाल है जो कठिन से कठिन रास्ता भी हमें पार करा सकती है. हमसब सुबह सुबह सूरज को प्रणाम करते है. क्योकि सूर्य हमें जीवन देता है. इस खूबसूरत दुनिया को देखने के लिए रौशनी देता है.
वैसे ही कुछ लोग कुछ ऐसे विरले काम कर जाते है , जिस पर सर देश को ही नहीं बल्कि मानवता को भी गर्व होता है. “अगर आप में हुनर है , तो आपकी समाज में कदर है. कई बार कुछ साधारण लोग ही कुछ ऐसी स्मिर्तिया अंकित कर देते है. जो मिसाल बन जाती है. ज़िंदगी रुकने का नहीं आगे बढ़ने का नाम है . अपनी संवेदना को जगाये रखना ही सबसे बड़ा धर्म है. मिर्जापुर के इस हीरो को सलाम इसकी ज़िंदादिली को सलाम .
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