- 13 Posts
- 9 Comments
आज जब हमारा सम्पूर्ण देश भ्रष्टाचार से जूझ रहा है ,मंहगाई , बेरोजगारी , काला धन , तथा गरीबी से त्रस्त है । सरकार को इन सभी मुद्दों पर समुचित ठोस कदम उठाकर , जनता को इससे निजात दिलानी चाहिए तथा काले धन को वापस लाकर समस्त देश वासियों का जीवन स्तर ऊंचा उठाना, सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए , वहीं हमारी बहरी ,गूंगी तथा अंधी सरकार गरीबों को मोबाइल फोन बाँट रही है । क्या मोबाइल फोन से इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा ? कालधन वापस आ जाएगा ? गरीबी हट जाएगी ? शायद नहीं।
बहरी इसलिए कहूँगा , कि भ्रष्टाचार और कालेधन को लेकर देश में पिछले कुछ वर्षों से इतना होहल्ला हो रहा है ,फिर भी सरकार में बैठे मंत्रियों और उनके अलकमानों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती । आज भ्रष्टाचार ने प्रत्येक इंसान को इतना झकझोर कर रख दिया है , कि हर कोई इससे छुटकारा पाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहा है , जवाब मांग रहा है , फिर भी सरकार चुप है । काला धन वापस लाना तो दूर , जब काला धन जमाखोरों के नाम उजागर करने की बात आती है , तब भी सरकार को साँप सूंघ जाता है । यह गूंगापन नहीं तो और क्या है ? आज जब इन समस्याओं से व्यथित लोग सरकार की चौखट में त्राहिमाम – त्राहिमाम की आवाज लगातें हैं , तो इसे रामलीला करार दिया जाता है । अंधापन कुछ और नहीं , यही है । शायद सत्ता के मद से पैदा हुआ अंधापन ऐसा ही होता है ! अरे मद तो सब का चूर हुआ है , इतिहास गवाह है । सत्ता और सिंहासन सब दिन नहीं रहते ।
हमारे साथ यह सौतेला ब्योहर आखिर क्यों हो रहा है ? जब कोई बच्चा खून की कमी तथा कुपोषण का शिकार हो एवं अन्य तमाम व्याधिओं से ग्रसित हो , तब उसका समुचित इलाज कराने के बजाय , उसके हाथ में “झुनझुना “ देकर उसका मन बहलाया जाय , ऐसा ब्योहार तो शायद एक सौतेले अभिभावक ही कर सकते हैं । यह पब्लिक है, सब जानती है । बहकावे में नहीं आने वाली । मोबाइल फोन से हालात नहीं सुधरेंगे । आम चुनाओं से ठीक पहले मोबाइल फोन बाँट कर सरकार वोट बैंक बनाना चाहती है। सरकार की मनसा तो यही लग रही है । यह तो चुनाओं से पहले टीवी , साड़ी या रम की बोतलें बांटने जैसा ही है । पहले भी तमाम पार्टियां ऐसा करती रहीं हैं । हम सभी वोटरों को इससे सावधान रहना चाहिए ।
Read Comments