Yogdan
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खाली हांथों तुमसे मिलने बोलो कैसे आऊँ मैं ,
तुमसे मिलकर प्रिए तुम्हारा दिल कैसे बहलाऊँ मैं ?
अपने जज़्बातों को लेकर एक दिन में बाजार गया ,
सोचा इनको बेंचूगा , बदले में कुछ पैसे लूँगा ,
उन पैसों की सारी खुशियाँ पास तुम्हारे लाऊं मैं,
तुमसे मिलकर प्रिए तुम्हारा दिल ऐसे बहलाऊँ मैं ,
खाली हांथों तुमसे मिलने…..
मिला शख्स ना एक वहाँ पर जो मेरे जज़्बात खरीदे ,
मैं खरीद लूँ खुशियाँ सारी मुझको इतनी कीमत दे दे ,
क्या बीती है बाजार में, कैसे तुम्हें बताऊँ मैं ,
तुमसे मिलकर प्रिए तुम्हारा दिल कैसे बहलाऊँ मैं ?
खाली हांथों तुमसे मिलने…..
परिभाषा बदली खुशिओं की उफ़ ! जाने अनजाने में ,
जज़्बातों को कोई ना पूंछे अब के नए जमाने में ,
कोरे जज़्बातों को कैसे पास तुम्हारे लाऊं मैं ?
तुमसे मिलकर प्रिए तुम्हारा दिल कैसे बहलाऊँ मैं ?
खाली हांथों तुमसे मिलने……
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