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चारित्रिक गुणवत्ता के मानक

Yogdan
Yogdan
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चंहू ओर हमने विकास का पंख आज फैलाया है ,
तीव्र लगन निज कर्म शक्ति से आसमान को पाया है ,

कंप्यूटर, इंजीनिरिंग, औषधि, रक्षा और प्रबंधन ज्ञान ,
फैल रहा सम्पूर्ण विश्व में, आज हमारा है सम्मान ,
दिन दूर नहीं जब विश्व पटल पर सूरज कहलाएगा ,
सब इसका अनुसरण करेंगे, भारत विश्व गुरु बन जाएगा ,

साधन टेक्निक अर्थ ज्ञान हो, चाहे जन संसाधन ,
गुणवत्ता हर कदम कदम, पर तब बेहतर हो उत्पादन ,
जनसंसाधन बड़ा सभी से, अन्य साधनों का चालक ,
है वही संगठन देश विश्व का, सही मायने में प्रतिपालक ,

फिर भी कुछ प्रश्नों के उत्तर, कहीं नहीं मिल पाते हैं ,
निज चरित्र की कमजोरी से, हम तुरंत गिर जाते हैं ,
बहुतों की हम सफल कहानी अखबारों में पढ़ते हैं ,
पर आए दिन उनके घर में छापे क्यों पड़ते हैं ,

आज आधुनिक होकर भी हम शायद पिछड़ गये हैं ,
जो चरित्र को मापें, अब तक मानक नहीं बने हैं ,
सद्चरित्र भी एक विषय हो, सभी गुणों का करे विकास ,
करें सम्मिलित पाठ्य पुस्तकें, इसमें भी हों फेल पास ,

आओ हम सब मिलकर अनुपम आई एस ओ बनाएँ ,
करें प्रमाणित नर चरित्र वे मानदंड अपनाएं ,
जो करें प्रमाणित नर चरित्र वे मानदंड अपनाए……

देव कुमार जायसवाल

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