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कैसे हुआ रावण का सर्वनाश (पार्ट-1)

Religious Mantra, Festivals, Vrat katha, Poojan Vidhi
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धर्म ग्रंथों के कारण रावण महापराक्रमी और विद्वान था लेकिन इसके साथ ही वह अत्याचारी और कामांध भी था। उसने अपने जीवन में अनेक ऐसे काम किए जिसके कारण उसे कई लोगों ने श्राप भी दिया। यही श्राप मुख्य रूप से रावण के सर्वनाश का कारण बने और उसके वंश का समूल नाश हो गया।


1- रघुवंश में एक परम प्रतापी राजा हुए थे जिनका नाम अनरण्य था। जब रावण विश्वविजय करने निकला तो राजा अनरण्य से उसका भयंकर युद्ध हुई। उस युद्ध में राजा अनरण्य की मृत्यु हो गई लेकिन मरने से पहले उन्होंने रावण को श्राप दिया कि मेरे ही वंश में उत्पन्न एक युवक तेरी मृत्यु का कारण बनेगा।


2- एक बार रावण भगवान शंकर से मिलने कैलाश गया। वहां उसने नंदीजी को देखकर उनके स्वरूप की हंसी उड़ाई और उन्हें बंदर के समान मुख वाला कहा।  तब नंदीजी ने रावण को श्राप दिया कि बंदरों के कारण ही तेरा सर्वनाश होगा।


3- रामायण के अनुसार एक बार रावण अपने पुष्पक विमान से कहीं जा रहा था तभी उसे एक सुंदर स्त्री दिखाई दी, उसका नाम वेदवती था। भगवान विष्णु को पति रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थी। रावण ने उसके बाल पकड़े और अपने साथ चलने को कहा। उस तपस्विनी ने उसी क्षण अपनी देह त्याग दी और रावण को श्राप दिया कि एक स्त्री के कारण ही तेरी मृत्यु होगी। उसी स्त्री ने दूसरे जन्म में सीता के रूप में जन्म लिया।

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