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व्यक्ति का प्रभाव उस के भविष्य से जुडी संभावनाओं में छुपा रहता है. आज व्यक्ति ग़लत भी कर रहा है तो कम से कम किसी के भी सामने रहते तो कोई बिरला ही झगडा मोल लेगा.
अपने भीतर हम सही और गलत को जानते हुए भी केवल यही सोच कर मौन धारण कर लेते हैं कि जिस का भी समर्थन / मदद करेंगे वह कभी काम आयेगा. काम न भी आये तो कम से हमारा काम न बिगाड़ दे.. और ऐसे में हम जानबूझ कर अच्छाई को दब जाने देते हैं. किन्तु आज विषय यह नहीं…
मैं प्रभाव की बात कर रहा था. आज हम क्या हैं और क्या नहीं इस से भी अधिक महत्वपूर्ण है कि कोई हमारे साथ सम्बंधित / अनजानी संभावनाओं को आंक ले…
किन्तु ऐसा कम ही होता है. अपने लिए हमें ऐसे अवसर ढूँढने होते हैं. या ऐसे कहें कि शतरंज की बिसात के समान प्रत्येक चाल को मनन पूर्वक आगे बढ़ाना होता है.
प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी अभी हाल ही में खेले शतरंज प्रतियोगिता में मात्र २२ वर्षीय खिलाड़ी कार्लसन से हार गए . इस हार के बाद उन्होंने कहा , ” मैं हारा नहीं उसने मुझे गलत खेलने पर मजबूर कर दिया”
तो प्रभाव कार्लसन का था या नहीं …किन्तु हालात कार्लसन द्वारा तैयार किए गए और एक बहुत बड़े खिलाड़ी को भी मात दे दी..
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