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विकेट के पीछे जब महेंद्र सिंह धोनी खड़े हों तो बल्लेबाजों को क्रीज़ के बाहर कदम बढ़ाने से पहले सोचना पड़ता है. कुछ ऐसा खौफ धोनी की विकेटकीपिंग का है. धोनी के हाथ इतने तेज हैं कि बिजली की तरह कड़कते और गिल्लियां बिखेर देते हैं. अपनी शानदार विकेटकीपिंग से वह लगातार रिकॉर्ड बना रहे हैं.
एशिया कप के फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ धोनी ने विकेटकीपिंग में एक और उपलब्धि हासिल की. दो शिकार करते ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में विकेट के पीछे अपने 800 शिकार पूरे कर लिए. इस उपलब्धि को अपने नाम करने वाले धोनी भारत के पहले विकेटकीपर हैं, जबकि दुनिया के तीसरे. साथ ही वे एशिया कप के किसी सीजन में विकेट के पीछे सबसे ज्यादा शिकार करने वाले विकेटकीपर भी बने. धोनी ने इस एशिया कप में कुल 12 शिकार किए. इससे पहले श्रीलंका के कुमार संगाकारा ने एशिया कप के किसी एक सीजन में सबसे ज्यादा 9 शिकार किए थे.
इतिहास रचने से बस कुछ कदम दूर धोनी
धोनी विकेटकीपिंग में इतिहास रचने से बस कुछ ही पीछे हैं. विकेट के पीछे सबसे ज्यादा शिकार करने के मामले में साउथ अफ्रीका के मार्क बाउचर सबसे आगे हैं. बाउचर ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में 989 शिकार किए. वहीँ, ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट के नाम 905 शिकार दर्ज हैं. धोनी अब इन्हीं दो दिग्गजों से पीछे हैं. अगर वे इन्हें पीछे छोड़ते हुए 1 हज़ार के आंकड़े को छूते हैं तो क्रिकेट की दुनिया में विकेटकीपिंग को लेकर धोनी इतिहास रच देंगे.
टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट ले चुके धोनी ने 90 टेस्ट मैचों में विकेट के पीछे बल्लेबाजों को शिकार बनाते हुए 256 कैच पकड़े और 38 स्टंपिंग की थी. वनडे क्रिकेट में वे अभी तक 327 मैचों में 306 कैच लपक चुके हैं, जबकि 113 बार बल्लेबजों को स्टंपिंग से शिकार बनाया. 93 टी-20 मैचों में धोनी ने 54 कैच पकड़े और 33 स्टंपिंग की हैं. अपने क्रिकेट करियर में पहले ही अनेकों उपलब्धियां हासिल कर चुके धोनी अगर इस नए मुकाम तक पहुँचते हैं तो ये शानदार होगा.
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