1. लाखों वर्षों तक धर्म जाति के नाम पर कुछ खास लोगों ने अधिकांश आम भारतियों का शोषण किया, बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि क्या अधिकांश भारतीय अज्ञानी एवं अशिक्षित थे? 2.भारत सोने की चिड़ियाँ थी और उसका अधिकांश धन कुछ खास लोगों ने मंदिरों एवं राजाओं के खजानों में जमा कर रखा था तथा कुछ साहूकारों की तिजोरियों में बंद था और अधिकांश आम भारतीय गरीब थे। बड़े आक्रोशित मन से कहना पड़ रहा है कि अधिकाँश भारतीय अशिक्षित एवं अज्ञानी थे? 3.हजारों वर्षों तक चंद विदेशी कुछ खास लोगों के स्वार्थ एवं गल्तियों की वजह से अधिकांश आम भारतीयों पर हुकूमत करते रहे, उन्हें लूटते रहे और विधर्मी बनाते रहे। बड़े अपमानित मन से कहना पड़ रहा है कि क्या अधिकाँश आम भारतीय अशिक्षित एवं अज्ञानी थे? लेकिन हम अब क्यों इन भ्रष्टों एवं उनके रहनुमाओं द्वारा स्थापित कुव्यवस्था को स्थापित किये हुये हैं? इन खास लोगों द्वारा लूटने एवं शोषित होने पर भी न तो दुख व्यक्त करते हैं और न ही आक्रोशित होते हैं। इसके क्या कारण हैं मैं आज तक नहीं जान पाया? लेकिन यह भी सत्य है कि हम इस सत्य को स्वीकार नही करेंगे, क्योंकि हम अपने आपको शिक्षित एवं ज्ञानी समझते हैं। यही हमारे शोषण एवं लुटने का मूल कारण है। यदि आम आदमी इस भ्रम जाल से निकल गया तो निश्चित ही खास लोगों के शोषण एवं उनसे लुटने ये बच सकता हैं। आम आदमी का आक्रोशित एवं विद्रोही होना ही हमें इस समस्या से निजात दिला सकता है।
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