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भागलपुर शहर के विभिन्न मोहल्लो के नाम के पीछे क्या है हकीकत

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भागलपुर शहर के अधिकांश मुहल्लों के नाम मुगलकालीन हैं । नाम से ही लगता है कि किस कदर शहर की सभ्यता संस्कृति में मुगल रचे-बसे थे।

* मोजाहिदपुर का नाम 1576 ई मे अकबर बादशाह के एक मुलाज़िम मुजाहिद के नाम से नामित हुआ था ।
* सिकंदरपुर बंगाल के सुल्तान सिकंदर ने नाम पर पड़ा ।
* तातारपुर अकबर काल के एक कर्मचारी तातार खान के नाम पर रखा गया था ।
* सराय मे मुगलकालीन कर्मचारी ठहरा करते थे , ,इसलिए उसका नाम सराय पड़ा ।
* काजवली चक शाहजहाँ काल के मशहूर काज़ी काजवली के नाम पर रखा गया ।
* कबीरपुर अकबर काल के शाह कबीर के नाम सेरखा गया जहां उनकी कब्र भी है।
* नरगा का पुराना नाम ‘नोगजा ‘ यानी एक ऐसी बड़ी कब्र जिसमे खिलजी काल मे हुई लड़ाई मे शहीद हुये सैनिको को एक साथ दफनाया गया । कालांतर नोगजा ‘ नरगा हो गया।
* मंदरोजा मे शाह मदार का रोज़ा (मज़ार ) था जो बाद के वर्षो मे मंदरोजा कहलाने
लगा।
* अकबर के जमाने मे शाह मंसूर की कति उंगलिया जहाँ दफनाई गयी उसे बाद मे मनसूरगंज कहलाने लगा।
* अकबर के समय के दो भाई आदम बेग और खंजर बेग के नाम पर आदमपुर और खंजरपुर पड़ा था ।
* हुसेनाबाद ,हुसैनगंज और मुगलपुरा जहागीर के काल मे बंगाल गवर्नर इब्रहीम हुसैन के परिवार की जागीर थी। उनलोगों के नाम पर ये मुहल्ले बस गए ।
* 1576 ई मे अकबर की सेना और दाऊद खान करानी और काला पहाड़ के बीच हुये युद्ध मे अकबर को मिली फतह के जश्न मे उस जगह कानम फ़तेहपुर रखा गया ।
* भागलपुर के मुख्य बाज़ार सूजा गंज का नाम शाह सूजा के नाम से आबाद हुआ । यहा शाह सूजा की लड़की का कब्र भी है।
* मौलानाचक मे मौलाना शहवाज़ मुहम्मद का कब्र है इसलिए इसका नाम मौलाना चक पड़ा।
* हुसैनपुर को दमडिया बाबा ने अपने स्वर्गीय पिता मखदूम सैयद के नाम से बसाया था ।
* हबीबपुर दमडिया बाबा के पोते सैयद हाबिबुल्लाह के नाम पर पड़ा ।
* भीखनपुर शाह भोकन के नाम से बसी बस्ती थी
* मसाकचक मे अकबर केजमाने के प्रसिद्ध महात्मा मशाक बेग के नाम पर है ,यहाँ उनकी कब्र भी है।
* मुंदीचक का पुराना नाम अकबर के जमाने के ख्वाजा मोइनूद्दीन बलकी के नाम से था जो बाद मे मुंदीचक हो गया।
* बरहपुरा मे अकबर के काल 1576 ई मे बारह परिवार सुल्तानपुर से आ कर बसे थे ।उसी बारह परिवार के नाम से बरहपुरा हुआ।
* इसाकचक ,वरसली गंज और मिरजानहाट का नाम मीर इसाक ,और मिरजान मोहम्मद औरवारिस आली खान के नाम से पड़ा था ।
* मारूफचक और चमेलीचक का नाम औरंजेब कालीन चमेली शाह और मारूफ़ शाह के नाम पर पड़ा। ये दोनों सगे भाई थे ।

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