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जब बनी दुनिया, दुनिया वाले बने..

कविता
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जब बनी दुनिया, दुनिया वाले बने,

मिलना जुलना हुआ, मिलने जुलने के बहाने बने,

हुस्न बना, इश्क बना, प्यार मोहब्बत के फ़साने बने,

कोई दिलबर बना, कोई दिलदार बना, और कुछ दीवाने बने,

पानी बना, दूध बना, मीठे शरबत सुहाने बने,

जो भटक गए राह से, उनके लिए शराब और मयखाने बने…

यार छुटा, दिल टुटा, रब रूठा, लैला मजनू बेगाने बने..

कोई गया शमशान, कोई कब्रिस्तान में, कुछ याद में “ताज महल” बनाने लगे..

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