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आखिर इतना वक़्त क्यूँ ??????????

पहचान
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“पकिस्तान से सक्रीय लश्कर ए तैयबा द्वारा प्रशिक्षण पाए कसाब और उसके 9 साथियों ने मुंबई में 26 नवम्बर 2008 को हो हमला किया था जिसमे 166 लोग मारे गए थे

मुंबई पर 26/11 को हुए हमले के 17महीने के बाद फैसला आया है  3 मई को उसे विशेष अदालत के न्यायधीश ने फैसला सुनते हुए उसे 4 मामलों में दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई पांच अन्य मामलों में उसे उम्र कैद की सजा सुनाई

कसाब को मौत की सजा ये समाचार सुनने के बाद देश में हर तरफ ख़ुशी की लहर फैल गयी हर कोई इस खबर को सुन कर खुश हुआ लोगो ने अपनी ख़ुशी प्रकट करने के लिए या तो मिटाई बाटी या आतिशबाजी की मगर सब के दिलो में सुलगता हुआ सवाल अभी भी है कि जैसे अफजल गुरु को फँसी की सजा सुनाई गयी है और उस गद्दार की याचिका अभी भी राष्ट्रपति के पास है वहीँ दूसरी और कंधार विमान अपहरण कांड जिसमे तीन खूंखार आतंकवादी मसूद अजहर मुश्ताक, अहमद अजहर और शेख  अहमद उमर सईद की रिहाई  के साथ पटाक्षेप हुआ था |

कसाब का अंत कैसे होगा ??????????

इस समय सभी के दिलोदिमाग में एक ही बात होगी कि कसब को सजा तो सुना दी मगर क्या ये सजा जल्द से जल्द उस दरिन्दे को मिलेगी भी या यूँ ही हम सब देखते रहेंगे कि कब उसको मृत्यु दंड दिया जायेगा और इस बीच फिर कोई विमान का अपरहण कर के उस किलर मशीन को छुड़ाने का नया ड्रामा रचेगा और हम सिर्फ हाथ में हाथ रखे बैठे रहेंगे हम को कसाब और अफजल जैसे आतंकवादियों को जल्द से जल्द सजा दे कर एक ऐसा सबक सीखन चाहिए जो अपने देश के साथ गद्दारी करते है तथा उन हजारो नए कसाब जैसे लोगो को जो तैयार हो रहे हैं मासूमों कि हत्या करने के लिए, देश को क्षति पहुँचाने के लिए, उन सभी दुश्मनों को ये एक सन्देश होगा कि जिसके भी नापाक इरादे इस देश को, यहाँ के बाशिंदों पर हमला करेंगे उसका हश्र ये होगा

क्यूँ कसाब पर हर रोज के 2 लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं ये लाखो रुपये देश के उन पिछड़े और अविकसित जगहों में किये जाये तो हमारा देश ही प्रगति के रस्ते में एक कदम और आगे बढेगा इन रुपयों को देश के उन जांबाज सैनिको के ऊपर खर्च किया जाना चाहिए जो अपने प्राणों कि चिंता किये बगैर देश कि रक्षा के लिए असुविधा में रह रहे हैं

हमारे देश में एक  ऐसा  कानून क्यूँ नहीं बनता जिसमे देश के गद्दारों को शीघ्र अति शीघ्र सजा का प्रावधान हो लम्बी न्यायिक प्रक्रिया न हो

कानून के अनुसार कसब को दी गयी मौत कि सजा को अभी उच्च न्यायलय द्वारा पुष्ट करना होगा कसब के पास निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायलय में भी चुनौती  का अधिकार है उच्च न्यायलय का यह फैसला कायम रखने के बाद कसब उच्चतम न्यायलय में अपील कर सकता है यहाँ से भी सजा कायम रहने पर उसके पास राष्ट्रपति के सक्षम दया याचिका का अधिकार होगा

उस शैतान को क्यूँ इअतनी सुविधा दी जा रही है ?????????? पुख्ता सबूतों के साथ उन 600 गवाहों के बाद भी क्यूँ उस हत्यारे को मौका दिया जा रहा है ???????????

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