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लूट के अपने घर ले गए थे, ये बेशर्म तो अपने घर को ही बेचने को तैयार है स्विस बैंक रूपी कुबेर का खजाना जो भरना है |
देश की बागडोर किन हाथो में है इस का अनुमान तो सभी को है | भ्रष्ट होना तो इन लोगों की स्पेशलिटी है अरे हाथ में सत्ता हो और उसका गुरुर न हो | पागल ही होगा कोई जो जनता के विषय में सोचेगा, जनता से बढ़कर देश के विषय में सोचेगा | हद होती है बेशर्मी की कहते है न पीने वालो को पीने का बहाना चाहिए ऐसे ही इन नेताओ को अपने देश को अपमानित करने का मौका भर चाहिए | दे दीजिये इन को मौका देखिये ये क्या क्या नहीं करते भ्रष्ट ये होते है, घोटाले ये करते है, सारी धांधलियां ये करते है और देश को कलंकित भी ये ही करते है |
ऐसा ही मौका मिला माननीय पीसीसी के प्रभारी मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी सुभाष शर्माजी को मौका था देश की आदर्श बहू और कुशल राजनीतिज्ञ श्रीमती सोनिया गाँधी का जन्मदिन का इतने खास मौके रोज तो आते नहीं है और वैसे भी ये आतंकवादी घटनाये तो आम बात है और आम घटनाओ से तो नेता जी का कुछ लेना देना है नहीं खास बात थी श्रीमती सोनिया गाँधी “जी ” (माफ़ी चाहूंगी जी लगाना भूल गयी थी ) के जन्मदिन को मनाया कैसे जाये खास शख्सियत है तो खास और नायब तरीका होना चाहिए न | चाहे देश को अपमानित ही क्यूँ न होना पड़े, चाहे देश के गौरव को ठेष ही क्यूँ न पहुंचे इस विषय में न पहले सोचा गया, न अब सोचा जायेगा तो मँगा लिया केक अब इससे फर्क क्या पढता है उसमे राष्ट्री गर्व का प्रतीक राष्ट्र ध्वज को केक के रूप में सजाया गया कटा गया और खाया गया |
इसके केक में राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंग थे। ऊपर केसरिया और नीचे हरा रंग था। बीच में सफेद रंग के साथ नीले रंग से अशोक चक्र बनाया गया था। इसके ऊपर सोनिया गांधी को 64वें जन्मदिन पर बधाई लिखा गया था। कांग्रेस भवन के इस उत्सव में पीसीसी के प्रभारी मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी सुभाष शर्मा ने केक काटा। शहर कांग्रेस अध्यक्ष इंदरचंद धाड़ीवाल सहित प्रमुख नेता भी इसमें मौजूद थे। कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए। उस वक्त नगर निगम के पार्षद जगदीश आहूजा, सतनाम सिंह पनाग भी वहां मौजूद थे।
सन्देश रूप में ये बात आ ही गयी की हम देश से कितना प्यार करते है देश से बढ़कर हमारे लिए क्या है और अपने देश के लिए हम किस हद तक जा सकते है
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