Divyajagran10
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कोरोना अब तुम भी जाओ
सुख चैन गए, नीदें भी गई
रिश्ते भी गए नाते भी गए
कोरोना अब तुम भी जाओ!
मात्र भूमि से कुछ प्रेम करो
और लौट के अपने घर जाओ
चीन की जनता को ही जाके
अपने अवगुन ये दिखलाओ!
तालाबंदी, सामाजिक दूरी
सब हमने अपनाया है
फिर भी तुमने तड़पाया है
अपनों के लिए तरसाया है!
अम्फान आके चला गया
निसर्ग भी टिक न पाया यहाँ
कोरोना तुममें इतना दम है
तुम्हें मार न पाया पूरा जहां!
बस हाथ जोड़ कर विनती है
कोरोना अब तुम भी जाओ!
डिस्क्लेमर : उपरोक्त विचारों के लिए लेखक स्वयं उत्तरदायी हैं। जागरण जंक्शन किसी भी दावे या आंकड़ों की पुष्टि नहीं करता है।
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