Menu
blogid : 488 postid : 946456

पीएम – सुरक्षा मानकों की अनदेखी

***.......सीधी खरी बात.......***
***.......सीधी खरी बात.......***
  • 2165 Posts
  • 790 Comments

पीएम मोदी की अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे को लेकर जिस तरह की सुरक्षा सम्बन्धी लापरवाहियां सामने आई हैं वे निश्चित तौर पर चिंता को बढ़ाने वाली ही हैं क्योंकि देश में सबसे अधिक सुरक्षा प्राप्त पीएम के कार्यक्रमों में भी किस तरह से मानकों की खुले तौर पर अनदेखी की जा रही है वाराणसी में पश्चिम बंगाल के मिदनापुर से आये हुए २० वर्षीय मज़दूर देवनाथ मन्ना की करेंट लगने से होने वाली मौत इस तरफ इशारा ही करती है. यह पहली बार नहीं हुआ है कि पीएम के मंच से जुडी हुई कोई दुर्घटना सामने आई है इससे पहले छत्तीसगढ़ में भी उनकी रैली के लिए बनाये गए मंच के पूरी तरह से गिर जाने के बाद पीएम की वहां की रैली भी रद्द कर दी गयी थी. जब इस तरह की कमियां लगातार सामने आ रही हैं तो क्या पीएम की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार लोगों को इस तरफ ध्यान देने की आवश्यकता नहीं महसूस हो रही है ? यदि पीएम के कार्यक्रम के समय इस तरह से मंच पर लगे हुए खुले तारों में करेंट आने से कोई अन्य दुर्घटना हो जाती तो उसका कौन ज़िम्मेदार होता ?
पूरे प्रकरण को देखने के बाद एक बात स्पष्ट रूप से सामने आ रही है कि कहीं न कहीं कुछ तो ऐसा अवश्य ही है जिसके चलते लापरवाहियां की जा रही हैं क्योंकि ऐसा कई बार होने को महज़ एक दुर्योग ही नहीं कहा जा सकता है. आज देश दुनिया भर में अपनी बढ़ती हुई ताकत का एहसास कराने में लगा हुआ है और घरेलू मोर्चे पर हम अपने पीएम की किस घटिया स्तर पर सुरक्षा कर रहे हैं यह अब सभी को दिखाई देने लगा है. कहीं ऐसा तो नहीं है कि कुछ विशेष या चहेते ठेकेदारों को ही लाभ पहुँचाने के लिए पीएम की सुरक्षा के साथ इस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है और मामला सामने न आने पाये इसलिए उसे पूरी तरह से गोपनीय ही बताया जाता है परन्तु अपने लोगों का पक्ष केवल गुणवत्ता के स्तर पर समझौता करने पर भी नहीं लिया जा सकता है. इस मामले में मीडिया में जिस तरह से मंच पर ही खुले तार लगे होने की ख़बरें सामने आ रही हैं उससे तो यही लगता है कि इस पूरे प्रकरण में किसी बड़े को लाभ पहुँचाने की कोशिशें भी की जा रही हैं जिससे निचले स्तर का कोई भी व्यक्ति बोलने के लिए तैयार नहीं दिखाई देता है.
इस प्रकरण से सबक लेते हुए अब यह देखने की आवश्यकता है कि पीएम और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों के कार्यक्रमों के लिए एक बार फिर से उन मानकों को पढ़ा जाये जिनका ज़िक्र इनकी सुरक्षा के लिए किया गया है और यदि किसी स्तर पर पहले बनाये गए नियमों में कोई कमी भी दिखाई दे रही है तो उसमें अविलम्ब सुधार भी किये जाने चाहिए. किसी भी कार्यक्रम के ठेकदारों का विशेष पंजीकरण भी किया जाना चाहिए और उनके काम में किसी भी तरह की लापरवाही सामने आने पर उन्हें सदैव के लिए काली सूची में डाल दिया जाना चाहिए जिससे इस स्तर पर काम करने वाले ठेकेदारों पर भी कठोर अनुशासन लागू किया जा सके. फिलहाल तो वाराणसी के इस ठेकेदार को जाँच पूरी होने तक अगले किसी भी कार्यक्रम के लिए अनुबंधित ही नहीं किया जाना चाहिए जिससे ऊंचे स्तर पर काम कर रहे इन लोगों को भी कुछ कड़े सन्देश जारी किये जा सकें. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी सही और गंभीर जाँच किये जाने की आवश्यकता है क्योंकि शीर्ष स्तर पर किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त करने से हमारे अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा पर गंभीर संकट कभी भी आ सकता है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh