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भाषाओं की माँ: संस्कृत

आयुष दर्पण
आयुष दर्पण
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नासा अब छठवीं    और सातवीं  पीढ़ी के कंप्यूटर के प्रोग्राम   को संस्कृत भाषा पर आधारित बना रहा है ….जिसे  एक सुपर कंप्यूटर का रूप दिया जाना Iइस परियोजना क़ी समय अवधि 2025 रखी गयी है …इसके बाद शायद संस्कृत सीखने क़ी दिशा में एक वैश्विक क्रान्ति क़ी उम्मीद जताई जा रही है I .आपको यह जानकर आश्चर्य होगा क़ि नासा के पास साठ हजार ताडपत्र के रूप में पांडुलिपियाँ हैं ….इनमें पाणिनि   के   माहेश्वर सूत्र के  आधार पर  एक कम्प्यूटर प्रोग्राम बनाया जा रहा है I फ़ोर्ब्स पत्रिका (1987) के अनुसार कंप्यूटर इस्तेमाल के लिए सबसे अच्छी भाषा संस्कृत है I जर्मन स्टेट यूनिवर्सीटी  के अनुसार दुनिया क़ी सभी 97 भाषाएँ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संस्कृत भाषा से प्रभावित है (सन्दर्भ :यूनेस्को 2004 क़ी वार्षिक रिपोर्ट )I विश्व स्वास्थय  संगठन के डॉ लारेन हेस्टिंग्ज के अनुसार संस्कृत भाषा द्वारा रोगियों क़ी चिकित्सा भी क़ी जा सकती है I…उनके अनुसार संस्कृत भाषा में बात करने से रोगी को उच्च रक्तचाप,मधुमेह एवं मानसिक रोगों से जूझने में मदद मिलती    है और इससे तंत्रिकातंत्र भी सक्रिय  होता है  ,संस्कृत में मन्त्रों के उच्चारण के महत्व के पीछे भी शायद यही कारण हो रशियन स्टेट यूनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत वह भाषा है जो अपनी  वेद,उपनिषदों ,श्रुति,पुराण ,महाभारत और रामायण जैसी पुस्तकों के कारण जानी जाती है अब आप यह जानकर हैरत में पड़ जायेंगे क़ी रशियन भाषा में भी कुछ शब्द संस्कृत से लिए गए हैं..जैसे आग के लिए अगोन,दरवाजे के लिए ‘द्वार’ तो हमें अपनी देव भाषा  संस्कृत पर गर्व होना चाहिए….और इसके प्रचार प्रसार के लिए आगे आना  चाहिए!!

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