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[कविता]झांकी घपलिस्तानकी……..

सच्चाई का आइना
सच्चाई का आइना
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आओ बच्चों तुम्हें दिखाए………..
आओ बच्चों तुम्हें दिखाए झाकी घपलिस्तानकी.
इस मिट्टी पे सर पटको येधरती है बेईमान की.
बंदों में है दम,राडिया-विनायकयम्.
बंदों में है दम,राडिया-विनायकम्.
उत्तर में घोटाले करतीमायावती महान है
दक्षिण में राजा-कनिमोझीकरुणा की संतान है.
जमुना जी के तट को देखोकलमाडी की शान है
घाट-घाट का पानी पीते चावलाकी मुस्कान है.
देखो ये जागीर बनी हैबरखा-वीर महान की
इस मिट्टी पे सर पटको येधरती है बेईमान की.
बन्दों में है दम…राडिया-विनायकम्.
ये है अपना जयचंदाना,नाज़ इसे गद्दारीपे.
इसने केवल मूंग दला हैमजलूमों की छाती पे.
ये समाज का कोढ़ पल रहा,साम्यवाद केनारों पे
बदल गए हैं सभी अधर्मीभाडे के हत्यारे में .
हिंसा-मक्कारी ही अब,पहचान हैहिन्दुस्तान की
इस मिट्टी पे सर पटको येधरती है हैवान की.
बन्दों में है दम…राडिया-विनायकम्.
देखो मुल्क दलालों का,ईमान जहां पेडोला था.
सत्ता की ताकत को चांदीके जूतों से तोला था.
हर विभाग बाज़ार बना था,हर वजीर इकप्यादा था.
बोली लगी यहाँ सारे मंत्रीऔर अफसरान की.
इस मिट्टी पे सर पटको येधरती है शैतान की.
बन्दों में है दम…नंगे-बेशरम….!

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