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कांग्रेस की दोहरी चाल ……………

सच्चाई का आइना
सच्चाई का आइना
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कांग्रेस की जूता राजनीति६ जून को कौंग्रेस के प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी को एक पत्रकार द्वारा जूते से मारने का प्रकरण सामने आया ! कौंग्रेस के नेताओं ने इसे आर *** *** की साजिस और न जाने क्या-क्या नहीं कहा ? परन्तु इसमे कुछ बातें विचार योग्य हैं :-१. कौंग्रेस के अनुसार वह पत्रकार फर्जी पहचान पत्र लेकर प्रेस वार्ता में अन्दर आ गया था ! अब …सवाल उठता है कि सत्ताधारी सोनिया पार्टी के मुख्यालय के अन्दर हो रहे प्रेस वार्ता में क्या कोई भी व्यक्ति जा ***ता है ? क्या सुरक्षा जांच का वहाँ कोई प्रबंध नहीं है ? और अगर है तो वह अन्दर गया कैसे ? और वो भी फर्जी पहचान पत्र लेकर ! क्या फर्जी पहचान पत्र को पहचानने का कोई जुगाड़ भारत के सुरक्षा कर्मियों के पास नहीं है ?२. दूसरी बात यह कि सरकार एवं सभी राजनितिक दलों के पास एक लिस्ट होता है मिडियाकर्मियों का ! और उसी लिस्ट में शामिल लोगों को पत्रकार वार्ता में बुलाया जाता है ! फिर यह अनपेक्षित व्यक्ति वहाँ पहुंचा कैसे ?३. जूता मारने वाला व्यक्ति इराक जैसे पदाक्रांत देश का नागरिक होकर भी अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति पर जुत्ता सफलता पूर्वक चला दिया था या नहीं ? फिर यह व्यक्ति जनार्दन द्विवेदी के इतने पास पहुंचकर भी उन्हें जुत्ता क्यों नहीं मार पाया ? और जुत्ता मारने के लिए पास जाने की जरुरत भी नहीं थी ! दूर से ही काम निपटाया जा ***ता था !४. और जिस प्रकार का घटानक्रम देखने में आया है उससे स्पष्ट है उस पत्रकार के पास पर्याप्त समय था जुत्ता मारने का अगर वह मारना चाहता तो ! जुत्ता मारने वाले को इतना धैर्य कहाँ होता है ? वह तो नजर आते ही निशाना साध लेता ! लेकिन उसे जुत्ता मारना ही नहीं था ! यह तो एक निहित उद्द्येश्य से कौंग्रेस द्वारा आयोजित किया हुआ एक प्रकरण था !५. जुत्ता मारने वाले वाले उस पत्रकार ने प्रेस वार्ता शुरू होते ही जुत्ता क्यों नहीं चलाया ? पहले जनार्दन द्विवेदी ने अपनी सारी बातें निर्बाध रूप से रख ली विस्तार पूर्वक ! बाद में पत्रकारों के तीन सवाल आये ! और जब लगने लगा कि अब जबाब देना मुश्किल हो जायेगा तब ले आओ यह जुत्ता प्रकरण ! इससे सभी मिडिया कर्मियों का ध्यान दूसरे मुद्दे (जुत्ता) पर चला गया ! और बाबा रामदेव का इशु पलक झपकते ही ख़तम !इन बातों से स्पष्ट होता है कि यह जुत्ता प्रकरण कौंग्रेस द्वारा पूर्व नियोजित था ! उन्होंने जान बुझकर यह षड़यंत्र रचा था ! अब पुनः प्रश्न उठता है कि कौंग्रेस अपने ही किसी नेता की बेईज्जती क्यों करवाएगी ? तो सीधी सी बात है कि आज की तिथि में कौंग्रेस अपने पापों के कारण से मिडिया या जनता का सामना करने की हालत में नहीं है ! और इसीलिए उन्होंने यह पूरी साजिश रची थी ! मुख्य मुद्दे पर कोई पत्रकार सवाल न कर पाए और उन बातों का जबाब देने की नौबत न आये इसीलिए रचा गया था यह जूते की नौटंकी ! यह है कौंग्रेस की जुत्ता राजनीति !मेरे भारतवंशियों और पत्रकार मित्रों समझो इन बातों को गहराई में जाकर ! कौंग्रेस के इतिहास पर भी नजर रखो और वर्तमान का भी ध्यान रखो ! इतना ध्यान देने मात्र से तस्वीर अपने आप साफ़ हो जायेगा !

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