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डी. जे. ब्लॉग पे धमाल उड़ेला रंग होली में।
ब्लॉगर लगाए हैं गुलाल उड़ेला रंग होली में॥
तोषी, अल्का, सचिन, जवाहर। मीनू अमिता घर से बाहर॥
शशि, अशोक ठोके ताल, उड़ेला रंग होली में॥
राजकमल का रंग है चोखा। फंस के रह गया भ्रमर अनोखा॥
किए संतोष भी बवाल, उड़ेला रंग होली में॥
दिव्या, दीप्ति, शाही, चातक। होली में सब हो गए घातक॥
काटें अबोध भाई माल, उड़ेला रंग होली में॥
वाहिद, अनिल करें किलकारी। मारें निशा भरी पिचकारी॥
हुई वंदना पीली लाल, उड़ेला रंग होली में॥
तब परवीन साधना डर गईं॥
रीता ने रंग दिया डाल, उड़ेला रंग होली में॥
अमर, प्रदीप, दिनेश मस्त हैं। भंग पिये सब अस्त व्यस्त हैं॥
मले राजीव जी गुलाल, उड़ेला रंग होली में॥
सुमित, विनीता, रीता, योगी। फागुन में बन बैठे जोगी॥
ये है तमन्ना का कमाल, उड़ेला रंग होली में॥
कृष्णाश्री, संदीप हैं आए। मीठी मीठी गुझिया लाये॥
रोशनी खाके है निहाल, उड़ेला रंग होली में॥
मनोरंजन, रोशन रंग घोले। अब तो जलालुद्दीन भी बोले॥
रंग दो आनंद के गाल, उड़ेला रंग होली में॥
गाते राकेश, मनोज कबीरा। खड़े राय जी लिए अबीरा॥
बाजे मजीरा करताल, उड़ेला रंग होली में॥
रंग रंगीली होली आई। “सूरज” देता सबको बधाई॥
डी.जे. रहे खुशहाल, उड़ेला रंग होली में॥
डॉ॰ सूर्या बाली “सूरज”
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