VOICES
- 97 Posts
- 16 Comments
बर्फ की तरह ठंडे होकर, बेजान जी रहे हम,
मोम के जलते मकान में, अलाव सेक रहे हम।
कोहरे से ढके आसमां में, सूरज तलाश रहे हम,
जिहादियों के अंगने में, गांधी तलाश रहे हम्।
खाल शेर की पहन कर, जांबाज बन रहे हम,
आतंकियों के जनाजों में, मातम मना रहे हम्।
बबूल के कांटों में, गुलाब तलाश रहे हम,
मौत के मातम में, आंसू तलाश रहे हम।
शराब की बोतल में, सुकून तलाश रहे हम,
खाली लिफाफे में, मोहब्बत तलाश रहे हम।
फरेब की इस दुनिया में, ईमान तलाश रहे हम,
खोये-भट्के राहगीरों से, रास्ता पूंछ्ते रहे हम।
बंद मकान की दहलीज पर, आहट तलाश रहे हम,
दौड़्ती-भागती जिंदगी में, जिंदगी तलाश रहे हम।
जिंदगी की शैतान राहों पर, एतबार तलाश रहे हम,
नसीब में नहीं जो राहें, वहां फरिश्ता तलाश रहे हम।
Read Comments