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छितछिछोरे !!

खयाल कभी कभी
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आज सुबह-२ morning walk के समय 3-4 मोटर साइकिल सवार कुछ छितछिछोरे  इस तरह से बाजू से कट मारते हुए गये की मानो हवा को भी मालूम न चला हो। तो मैं भला क्या नाचीज, जो मुझे पता लगता की कौन छितछिछोरे है। छित्छिछोरे  इसलिए क्यूंकि ये   morning walk  भी मोटर साइकिल पर ही किया करते है । अब जब ये छितछिछोरे वापस आ रहे थे तो मैंने इन्हें पहचान लिया । ये तो अपने ही मोहल्ले के निकले ।मुझे देख उन्होंने  अपनी मोटर साइकिल धीमी  कर  good morning wish करने लगे। तभी एक मोटर साइकिल पर पीछे बैठा एक छितछिछोरा हकलाते  हुए  सर ऊपर की तरफ  कर कुछ  बोलने का प्रयास कर रहा था। देखो भैया  प्ल-प्ल………. वो 2 या 3 बार अटका चौथी बार मैंने स्वयं ही  बोल दिया – क्या प्लेन !!  क्या भैया प्लेन नहीं पल्सर, नई ली है हफ्ते भर पहले  ही -किसी दुसरे ने जवाब दिया। पर यार तुम लोग तो इसे  प्लेन की माफिक उड़ा रहे रहे थे, हवा से बातें करते हुए । भैयाजी ये उड़ाने क लिए ही तोह है। अच्छा पायलट साहब!!! इसकी गति में थोडा नियंत्रण रखिये नही तोह किसी दिन अखबार में खबर आएगी की “एक दुर्घटना में  पल्सर के  पायलट हुए चोटिल ” समझने में देर नही लगेगी की वो तुम्ही हो समझे !!। कुछ इसी तरह बातें चल रही थी हसी मजाक की ।एक दम से हसी मजाक की बातों ने कब राजनीतिक मोड़ लिया पता ही नहीं चला ।इस बार का चुनाव कुछ अलग  होगा देख लेना एक ने कहा । हाँ और होना भी चाहिए , महंगाई इतनी हो गयी है की महीने की पॉकेट मनी भी पहले 15 दिनों तक साथ देती है , बाकी के 15 दिन किसी और की दया में पलना पड़ता है -करुणामयी स्वर में एक जनाब ने अपना हाल कुछ इस तरह सुनाया . 100 की दो पत्तियों से RTO वाले की चाय पानी का जुगाड़ करके आया हूँ  कल ही ,हद मचा रखी है इन्होने- हुड दबंग स्टाइल में चस्मा लगाये एक बोला। मौन धारण किये हुए PM बदलना होगा -वही हकलाता हुआ शक्श ,इस बार बिना हकलाये पूरी बात कह गया। यह सब सुनकर ऐसा लग रहा था मनो इस बार के चुनाव वाकई में कुछ हट के होंगे । क्यूंकि ये छितछिछोरे , मोटरसाइकिल में दिन भर तफरी करने वाले भी इस तरह की सोच रखते है ।मतलब इन छितछिछोरो  को भी देश में क्या घट रहा है सब पता है ।महंगी -महंगी मोटरसाइकिल में  दिन भर घुमने वालो को भी बढ़ते पेट्रोल की कीमत पर चिंता है , सरकारी दफ्तर में घूस की प्रथा से ये भी इतेफाक रखते है व इससे इन्हें भी दो चार होना पड़ता है ।दरअसल यह सब मुद्दे है ही ऐसे की इनसे सम्माज का हर वर्ग करहाता है , इन मुद्दों से कोई भी वर्ग अछुता नही रहता। और यह इस  छितछिछोरे  वर्ग (युवा) की विशेषता ही कह लिजिये  की यह समाज के इन मुद्दों को भले ही अलग अंदाज  में लेता है पर उनकी गंभीरता को समझता जरुर  है। इसी छितछिछोरे वर्ग की वजह से शायद इस बार कोई अच्छा बदलाव देखने को मिले ।

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