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केरल सरकार का ‘इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन’ के साथ समझौता

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केरल के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. यह समझौता दक्षिण-पूर्वी एशिया से निवेश आकर्षित करने और एशिया के तकनीकी केंद्र के रूप में मशहूर इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाने के उद्देश्य से किया गया है.

नई दिल्ली: केरल के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. यह समझौता दक्षिण-पूर्वी एशिया से निवेश आकर्षित करने और एशिया के तकनीकी केंद्र के रूप में मशहूर इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाने के उद्देश्य से किया गया है.

समझौता ज्ञापन पांच वर्षों के लिए मान्य

केरल सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एम शिवशंकर और आईईएसए के अध्यक्ष एमएन विद्यासागर ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की उपस्थिति में तिरुवनंतपुरम में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. यहा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इस समझौते के तहत केरल आईईएसए के साथ भागीदारी कर राज्य के इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण क्षेत्र (एसएसडीएम) की निवेश क्षमता को बढ़ावा देने के लिए ताइवान में लायजन एजेंसी की स्थापना करेगा. साथ ही अन्य लक्षित देशों- दक्षिण कोरिया और फिलीपींस में भी अपनी पहुंच बढ़ाएगा. समझौता ज्ञापन पांच वर्षों के लिए मान्य है.

बयान के अनुसार, निवेश के लिए जोर देने वाले क्षेत्रों में उपभोक्ता, औद्योगिक और सौर इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उत्पाद और ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण शामिल होंगे. निवेश जुटाने के लिए, एजेंसी राज्य के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी) के अंदर या बाहर लक्षित राज्यों और अग्रणी स्वदेशी कंपनियों के बीच समझौते की सुविधा प्रदान करेगी.

आईईएसए के साथ साझेदारी से ब्रांड पहचान

विद्याशंकर ने कहा, “आईईएसए के साथ साझेदारी से ब्रांड पहचान और दृश्यता के मामले में केरल को लक्षित क्षेत्रों में शुरुआती बढ़त मिलेगी. इन देशों में संभावित सहयोगी केरल को ग्राहक का दर्जा देंगे. इससे स्थानीय बाजारों तक पहुंच के अवसरों में विविधता लाने में मदद मिलेगी. एक शीर्ष स्तरीय तकनीक केंद्र के रूप में क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए, वहां संभावित निवेश के अवसर और व्यापार करने में आसानी केरल के तेजी से बढ़ते आईटी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा जाल प्रदान करेगा.”

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