Menu
blogid : 25903 postid : 1352714

दिल्ली के वैज्ञानिकों ने सुलझाया मलेरिया के परजीवियों की संख्यावृद्धि का राज

education
education
  • 7 Posts
  • 1 Comment

नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने पहली बार यह पता लगाया है कि मलेरिया के परजीवियों की संख्या में इतनी तेज गति से वृद्धि कैसे होती है. यह खोज वैश्विक तौर पर लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली घातक बीमारी से निपटने के लिए नई दवाएं बनाने में मददगार हो सकती है.

मलेरिया के परजीवी मादा एनोफेलिस मच्छरों के काटने से लोगों के शरीर में पहुंच जाते हैं. ये मच्छर प्लाज्मोडियम नामक परजीवी को इंसान में प्रवेश कराते हैं. नई दिल्ली स्थित जेएनयू के स्पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर मेडिसिन में प्रोफेसर सुमन कुमार धर ने कहा, ‘गुणन के हर चक्र के दौरान परजीवी के जीनोम का प्रतिरूपण डीएनए प्रतिरूपण के जरिए हो जाता है. यह प्रतिरूपण जीनोम के साथ के कुछ विशिष्ट स्थानों पर शुरू होता है. इसे प्रतिरूपण का उद्गम स्थल (ओरआरआईसी) कहा जाता है.’

धर ने कहा, ‘बैक्टीरियाई जीनोमों में आम तौर पर एक ओरआरआईसी होता है लेकिन इंसान जैसे उच्च जीवों में कई ओआरआईसी हो सकते हैं. किसी जीनोम में इन उद्गगभ स्थलों में की पहचान बेहद मुश्किल काम है.’ गणनात्मक एवं प्रायोगिक प्रमाणन का इस्तेमाल करके छह साल तक किए गए अध्ययन में आईआईटी दिल्ली के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर कुशाल शह समेत शोधकर्ताओं ने पाया कि परजीवी जीनोम में कई स्थानों से प्रतिरूपित होते हैं.

ढार ने कहा कि इस प्रक्रिया में शामिल प्रोटीनों का भी पता लगा लिया गया है. यह समझा जा सकता है कि इन प्रोटीनों की क्रियात्मकता और इन प्रतिरूपण स्थलों से उनके जुड़ाव को रोककर परजीवियों की वृद्धि रोकी जा सकती है. ये नतीजे एफईबीएस जर्नल में प्रकाशित किए गए.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh