Menu
blogid : 319 postid : 942

मेट्रोज हैं अब बॉलिवुड के नए ठिकाने

गया जमाना जब महानगर या किसी खास कस्बे में बनने वाली फिल्मों की संख्या बेहद कम होती थी. अब तो एक के बाद एक ऐसी तमाम फिल्में आ रही हैं जिनकी पृष्टभूमि महानगरों पर आधारित है. दिल्ली 6 से शुरु हुआ सफर अब तक पीपली लाइव, मेट्रो, इश्किया, यमला पगला दिवाना, टर्निंग 30 से होता हुई धोबी घाट तक पहुंच गयी है.


Delhi 6 किसी एक खास शहर या गांव-कस्बे की नब्ज पकड़ती यह फिल्में दर्शकों में एक अलग ही रोमांच पैदा करती हैं जहां वह अपने आप को फिल्मों से जोड़कर देखने लगते हैं. फिल्म “दिल्ली 6” में चांदनी चौक और उसके आसपास के इलाके का चित्रण किया गया था जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. फिल्म दिल्ली में चली भी बहुत तो वहीं पीपली लाइव में एक गांव के सामान्य से जनजीवन को जनता तक पहुंचाने के कार्य को लोगों ने खूब सराहा. “नो वन किल्ड जेसिका” में हम सबने दिल्ली की कहानी को एक बार फिर अपनी आंखो के सामने देखा. और आमिर खान “धोबी घाट” के जरिए मुबंई की नब्ज को टटोलते नजर आ रहे हैं.



इसी तरह हाल ही में रिलीज हुई कई फिल्में किसी न किसी खास गांव, महानगर या जिले पर आधारित हैं. ऐसी फिल्मों में निर्देशक उस जगह की आम जनता को बाकी लोगों तक पहुंचाते हैं. सच्ची घटनाओं और आज के परिवेश पर आधारित सिनेमा की इस तरह होने वाली वृद्धि ने इतना तो संकेत दे ही दिया है कि अब दर्शक बदल रहे हैं बेशक उनकी संख्या बहुत कम ही क्यूं न हो.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh