“नमस्कार …. ये आकाशवाणी का दिल्ली केंद्र है….और आप सुन रहे हैंं आकाशवाणी”….कुछ याद आया… आकाशवाणी के हर कार्यक्रम की शुरुआत कुछ इसी तरह हुआ करती है. क्या आप जानते हैं? भारत का सबसे पुराना रेडियो स्टेशन आकाशवाणी ने अपने 80 साल पुरे कर लिए हैं. सन 1930 में ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना की गई थी, जिसे 1957 में आकाशवाणी का नाम दिया गया.
प्राइवेट इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड (आईबीसी ) जुलाई 1927 में शुरू हुई थी. मुंबई और कोलकाता में इसके दो रेडियो स्टेशन थे. लेकिन सिर्फ तीन साल के अंदर ही सरकार ने इसे अपने अंडर में ले लिया था.
80 साल से भारत की आवाज है आकाशवाणी
आकाशवाणी ने वक्त के साथ खुद को बदला है. आज आकाशवाणी के कुल 415 रेडियो स्टेशन हैंं,और करीब 23 भाषाओं के साथ 146 बोलियों में पूरे भारत में सुनी जाती है. आकाशवाणी दुनिया में सबसे बड़े रेडियो प्रसारणों में से एक है. आकाशवाणी को करीब 99 प्रतिशत लोग सुनते हैं.
विविध भारती
विविध भारती आकाशवाणी की सबसे लोकप्रिय सेवाओं में से एक है. इसे 1957 में लॉच किया गया था. धीरे-धीरे लोकप्रियता के चलते आकाशवाणी के और भी केन्द्र इसका प्रसारण करने लगे.
बिनाका गीत माला
भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउन शो था. अमीन सयानी इस खास प्रोग्राम के मुख्य आकर्षण थे. उनकी आवाज को आज भी लोग याद करते हैं. ये शो 1952 में सबसे पहले रेडियो सीलोन पर शुरू हुआ था. उसके बाद 1989 में इसे विविध भारती में जगह मिल गई
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वाल्टर कॉफ़मैन ने बनाई थी आकाशवाणी की धुन
प्राग के रहने वाले वाल्टर कॉफ़मैन ने आकाशवाणी की धुन बनाई थी. कॉफ़मैन एक संगीत के डॉयरेक्टर और साथ ही एक निर्देशक भी थे. उन्होंने मुंबई में करीब 12 साल बिताए थे. कॉफमैन ने भारतीय संगीत पर बहुत काम किया था. उसके बाद भारतीय फिल्मों में भी अपना योगदान दिया था.
अमिताभ बच्चन की आवाज को ठुकराया था आकाशवाणी ने
आकाशवाणी के मुताबिक यह आवाज रेडियो के हिसाब बहुत ही बेकार और भारी है. हालांकि बाद में अमिताभ को कुछ बड़े ऑफर मिले और वह सुपरस्टार बन गए…Next
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