Raj Kapoor’s death anniversary
हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के उस योगदान को हम कभी नहीं भुला सकते जिसने अभिनय के कई जादूगरों को भारतीय दर्शकों के सामने किया. राज कपूर भी एक ऐसे ही नाम हैं जिन्होंने अपनी जिन्दगी भारतीय फिल्म के नाम समर्पित कर दी. फिल्मों में सामाजिक विषमताओं को मनोरंजन के ताने-बाने के साथ पर्दे पर उकेरने के लिए अगर किसी का नाम आएगा तो उनमें राज कपूर का नाम प्रमुखता से लिया जाएगा.
राज कपूर का जन्म 14 दिसम्बर, 1924 को पेशावर में हुआ था. उनका बचपन का नाम रणबीर राज कपूर था. फिल्मों की तरफ उनका झुकाव उनके पिता की वजह से आया. 1935 में उन्होंने पहली बार फिल्म “इंकलाब” में काम किया था, तब वह महज 11 साल के थे.
राज कपूर का झुकाव जितना अभिनय की तरफ था उतना ही निर्देशन की ओर भी. इसके लिए उन्होंने 1948 में आर. के. फिल्म्स प्रोडक्शन की स्थापना भी की और कई बेहतरीन फिल्मे भारतीय दर्शक को दिए. राजकपूर अपनी फिल्मों के लिए जिस आवाज को चुनते थे उनका नाम था मुकेश. श्री 420, चोरी-चोरी, आवारा, मेरा नाम जोकर, दिल ही तो है, जैसी कई फिल्मों को मुकेश ने आवाज दी. उस समय एक और जोड़ी लोकप्रिय हुई राजकपूर और नर्गिस की जोड़ी. इनके खूबसूरत अभिनय को भारतीय दर्शकों ने सराहा.
बॉलीवुड को राज कपूर द्वारा दिए गए योगदान को हम कभी नहीं भुला सकते. उनकी और उनके फिल्म की प्रसिद्धि को आज भी लोग याद करते हैं. दुनिया की जानी-मानी पत्रिका ‘टाइम’ ने दुनिया की 100 बेस्ट फिल्मों की फेहरिस्त में राजकपूर की क्लासिक फिल्म ‘आवारा’ को शामिल किया है.
दादा साहब फाल्के सहित विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित इस महान फिल्मकार का दो जून, 1988 को निधन हो गया.
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