टीवी आज आम जनता के पास पहुंचने का सबसे बेहतरीन माध्यम माना जाता है. आज अगर समाज के एक बड़े वर्ग तक कोई सूचना या कोई बात पहुंचानी है तो उसके लिए टीवी एक बेहद कारगर माध्यम माना जाता है. यह टीवी का ही जादू है जो भारत में आज कई सौ चैनल खुल गए हैं और सभी चैनलों पर कई शो दिखाए जाते हैं. टीवी देखने वालों की वजह से ही देश में न्यूज चैनलों की टीआरपी हमेशा टॉप पर रहती है. चाहे शाहरुख खान हों या अमिताभ बच्चन या देश का कोई बड़ा नेता सभी इस टीवी की ताकत के आगे नतमस्तक होते हैं. और अब इसी टीवी के माध्यम से आमिर खान ने समाज बदलने की एक सोच को सबके सामने रखा है.
कुछ तो अलग है इस शो में
यूं तो बड़े-बड़े फिल्मी सितारे जब रियलिटी शो में हिस्सा लेते हैं तो वह ज्यादातर किसी बड़े गेम शो से जुड़े रहे हैं लेकिन इस बार जो शो आमिर खान लेकर आए हैं वह सबसे अलग है. यह शो है समाज में बदलाव लाने के लिए. आम बोलचाल को इस्तेमाल करते आमिर खान इस शो में दर्शकों और वक्ताओं से बेझिझक सवाल करते देखे गए. आमिर खान को देखकर लगता ही नहीं था कि वह पहली बार टीवी पर दिख रहे हैं. अपने जाने पहचाने हाव-भाव के साथ आमिर खान ने शो की शुरुआत की है. शो बहुत ही अलग ढंग से दर्शकों के सामने लाया गया. जिस शो की उम्मीद लोगों को रात के समय थी उसे आमिर खान ने दिन में दिखाने का साहसी निर्णय लिया. अब देखते हैं इस शो का क्या हाल होगा?
पहले भी तो आते थे ऐसे शो
एनडीटीवी में “रवीश की रिपोर्ट”, आजतक पर आने वाला टॉक शो “सीधी बात” और भी कई शो “सत्यमेव जयते” की तरह ही लगते हैं. समाज में कन्या भ्रूण हत्या और अन्य मसले पहले भी टीवी पर इससे भी दमदार रूप में पेश किए गए हैं लेकिन कभी भी इन शोज का समाज पर कोई सकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिला. आम जनता के लिए ऐसे शो मात्र मनोरंजक शो की तरह लगते हैं जिन्हें वह सिर्फ आमिर खान के नाम पर ही देखना पसंद करते हैं. हां, कुछ लोग इस शो से जागरुक जरूर होंगे पर अगर कहा जाए कि क्या इससे समाज में बदलाव आएगा तो यह बिलकुल गलत है.
क्या फिर शुरू होगा थमा हुआ सिलसिला
हां, लेकिन शो के अंत में आमिर खान का राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर वहां के कन्या भ्रूण हत्या के काले कारोबार में शामिल डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का आह्वान करना ही शो का वह प्वॉइंट है जिसे हम कह सकते हैं कि कुछ तो बदलेगा. अब देखना यह है कि आमिर खान का “जब दिल पर लगेगी तभी बात बनेगी” का फॉर्म्यूला पास होता है या टीआरपी की चाह में यह शो भी उन करोड़ो शोज की भीड में गुम हो जाएगा जो हर दिन हमारे टीवी चैनलों पर प्राइम टाइम पर दिखाए जाते हैं.
मिस्टर पर्फेक्शनिस्ट का एक और जलवा
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