तन्हाई, दर्द, मजबूरी और खामोशी तमाम शब्द मोहब्बत करने के बाद तोहफे के रूप में मिलते हैं पर जब मोहब्बत की शुरुआत होती है तो पहला सफर आंखों की परिभाषा के पढ़ने से शुरू होता है. अमिताभ और रेखा के बीच कुछ ऐसा ही हुआ. दोनों बिना कुछ कहे एक-दूसरे की आंखों को पढ़ने लगे थे. फिल्म ‘दो अनजाने’ में अमिताभ और रेखा ने पहली बार एक साथ काम किया था पर किसे पता था कि दो अनजाने से अपने प्यार की शुरुआत करने वाले रेखा और अमिताभ एक-दूसरे के लिए बेहद ही करीबी बन जाएंगे.
अमिताभ और रेखा की दूसरी ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘मुकद्दर का सिंकदर’ थी और इस फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था. रेखा और अमिताभ बच्चन हिन्दी सिनेमा के दो ऐसे नाम हैं जिन्हें आज भी लोग एक साथ अभिनय करते हुए देखना चाहते हैं. एक-दूसरे से प्यार करने के कारण दोनों हमेशा सुर्खियों में बने रहते थे. फिर देखते ही देखते यह जोड़ी हिन्दी सिनेमा की सुपरहिट जोड़ी के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराती चली गई. कहते हैं सच्चा प्यार आपकी जिंदगी बना देता है. शायद रेखा की जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. रेखा ने अमिताभ के प्यार में अपने आपको पूरी तरह बदल लिया था.
इन दोनों के चाहने वाले आज भी फिल्म ‘सिलसिला’ में दिखाई गई अमिताभ और रेखा की लव स्टोरी को याद करते हैं. फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान हुए हादसे के बाद फिल्मी दुनिया के इन दो परिंदों की सच्ची प्रेम कहानी का अंत हो गया था पर आज भी दोनों में एक बात कायम है. अमिताभ और रेखा आज भी एक-दूसरे की आंखों की भाषा पढ़ते हैं.
हिन्दी सिनेमा के मशहूर जानकारों का यही मानना है कि अमिताभ और रेखा एक-दूसरे से नाराज नहीं हैं. बस इन्हें आदत हो गई है खामोश रहकर एक-दूसरे की आंखों की भाषा पढ़ने की.अमिताभ और रेखा खामोशी का सहारा लेकर एक-दूसरे की आंखों की भाषा तो पढ़ना जानते ही हैं पर साथ ही दोनों इस बात से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं कि कैसे उम्र की ढलान पर भी अपने चाहने वालों को अपना कायल बनाया जाता है. अमिताभ और रेखा दोनों के ही चाहने वालों की कमी ना सालों पहले थी, ना आज है और न शायद ही कभी होगी.
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