सदी के महानायक अमिताभ बच्चन अब उम्र के 73वें दशक में हैं. शुरुआती असफलताओं और निराशाओं से जूझते हुए बॉलीवुड के इस एंग्री यंग मैन ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म इंडस्ट्री में अपने लिए एक ऐसा मुकाम स्थापित किया है, जहां तक पहुंचना तो शायद आने वाले कई सालों तक किसी भी सितारे के लिए संभव नहीं है. बॉलिवुड में एक लंबी और बेहद सफल पारी खेलने वाले अमिताभ बच्चन आज ना सिर्फ बड़े पर्दे की शान बढ़ा रहे हैं, बल्कि छोटे पर्दे पर भी अपनी चमक बिखेर रहे हैं.
पिता थे मशहूर कवि
अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंशराय बच्चन एक महान कवि और रचनाकार थे, शायद हिन्दी पर मजबूत पकड़ भी उन्हें अपने पिता से ही मिली है. आज अमिताभ बच्चन 73 वर्ष के हो गए हैं और उनके जन्मदिन के अवसर पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं से रुबरू करवा रहे हैं. इन्हीं घटनाओं ने ही शायद अमिताभ को “अमिताभ बच्चन” बनाया.
हरिवंशराय को अमिताभ नाम पसंंद नहीं थे
हरिवंशराय बच्चन अपने बेटे का नाम इंकलाब रखना चाहते थे. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर अमरनाथ झा ने हरिवंश को यह नाम सुझाया था, जो हरिवंश को बहुत पसंद भी था, लेकिन समकालीन कवि सुमित्रानंदन पंत ने अमिताभ नाम रखने की सलाह दी जो सभी को बहुत पसंद आया. इस तरह हरिवंशराय के पुत्र का नाम अमिताभ पड़ गया.
इंजीनियर बनना चाहते थे अमिताभ
अमिताभ कभी अभिनेता नहीं बनना चाहते थे. उनकी ख्वाहिश इंजीनियर बनने की थी. बिग बी यानि अमिताभ बच्चन दोनों हाथों से सहजता से लिख सकते हैं. उन्हें अंग्रेजी और हिन्दी के अलावा अन्य कई देशी और विदेशी भाषाओं का भी ज्ञान है.
480 रुपए की तनख्वाह मिलती थी अमिताभ को
अमिताभ ने पहली नौकरी शॉ एंड वॉलेस कंपनी में की थी. उन्हें 480 रुपए की तनख्वाह मिलती थी. हालांकि आज अमिताभ करोड़ोंं के मालिक हैं.
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खुद को साबित करने के लिए की कड़ी मेहनत
‘आनंद’ फिल्म में राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार के साथ काम करने के बाद भी अगली दस फिल्में अमिताभ की फ्लॉप रहीं. 2 साल का बेहद असफल कॅरियर वहन करने के बाद भी अमिताभ ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार प्रयास करते रहे.
ऐसे हुई थी पत्नी जया से मुलाकात
अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की पहली मुलाकात पुणे फिल्म इंस्टिट्यूट में हुई थी और उसके बाद अमिताभ और जया ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म गुड्डी के सेट पर मिले थे. अमिताभ और जया के करीबियों की मानें तो इन दोनों ने कभी डेटिंग नहीं की थी. वह जब भी मिले दोस्तों के ग्रुप में ही मिले और एक दिन दोनों एक दूसरे के हो गए.
जब मौत ने घेर लिया शाहंंशाह को
कुली की शूटिंग के दौरान जब अमिताभ बच्चन गंभीर रूप से घायल हुए थे, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी भी उनसे मिलने अस्पताल गई थीं. पूरा देश उस वक्त अमिताभ के लिए दुआएंं कर रहा था. अमिताभ बच्चन अस्पताल में भर्ती थे और जया उनकी सेहत के लिए प्रार्थना करने रोजाना 6 किलोमीटर पैदल चलकर सिद्धिविनायक मंदिर जाया करती थीं.
विनोद खन्ना के चेहरे पर फोड़ा कांच
‘मुकद्दर का सिकंदर’ फिल्म की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन ने अपने को-स्टार विनोद खन्ना के चेहरे पर कांच फोड़ दिया था, जिसकी वजह से विनोद खन्ना के चेहरे पर टांके लगे थे.
शराब से खुद को रखते हैं दूर
1978-1979 के बीच अमिताभ ने सिग्रेट, शराब और मांसाहार से अपना नाता तोड़ लिया था. शुद्ध रूप से शाकाहारी अमिताभ को ढोकला, पूरी-आलू, और पकौड़े बहुत पसंद हैं. अमिताभ ईश्वर में गहरी आस्था रखते हैं और श्रीमद् भागवत गीता का पाठ रोजाना पढ़ते हैं.
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क्रिकेट का है बहुत शौक
70 के दशक में अमिताभ को क्रिकेट का बहुत शौक था. उन्हें जब भी समय मिलता, वह सीधा क्रिकेट खेलने मैदान मे पहुंच जाया करते थे.
घड़ियों से है बेहद प्यार
अमिताभ बच्चन के पास घड़ियों और चश्मों का बहुत बड़ा कलेक्शन है. उनकी यह खूबी विश्वभर में प्रसिद्ध है.
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