एनीमेशन की दुनियां है मजेदार
बॉलिवुड में आज के समय एनीमेशन फिल्मों की वैसे तो भरमार है लेकिन यह सब जानते हैं कि इसके आगे कितना जोखिम है. अक्सर एनीमेशन फिल्में भारत में वैसा कारोबार नहीं कर पा रही हैं जैसा विदेशों में एनीमेशन फिल्में करती हैं. लेकिन हाल ही में “हनुमान” और “बाल गणेश” जैसी एनीमेशन फिल्मों के कारोबार ने एक बार फिर इस क्षेत्र में भारतीय बॉलिवुड को नई राह दिखाई है. हालांकि हम अब भी हॉलिवुड के मुकाबले काफी पीछे चल रहे हैं.
भारत में एनीमेशन फिल्मों के सफर की शुरुआत तो हिंदी फिल्म जगत के जनक दादा साहब फाल्के ने ही कर दिया था, लेकिन उनके इस सफर को आगे तक चालू न रखा जा सका. हालांकि उसके बाद दूरदर्शन पर मछली की कहानी, एक चिड़िया और वहां से आज के दौर में NICK पर प्रसारित हो रहे लिटिल कृष्णा (भारतीय स्टूडियो बिग एनीमेशन द्वारा बनायी प्रथम हाई एंड 3D टीवी सीरीज़) तक भारतीय एनीमेशन ने एक बहुत बड़ा सफ़र तय किया है. नई टेक्नोलोजी का प्रयोग कर भारत में दैनिक शो के साथ फिल्में जैसे “हनुमान” आई. बच्चों के साथ जिस अंदाज में बड़ों ने इसे पसंद किया उससे एनीमेशन फिल्म बनाने वालों को कुछ हौसला मिला और देखते ही देखते कई एनीमेशन फिल्में देखने को मिलीं जैसे “गणेशा”, “हनुमान रिटर्न”, “बाल गणेश”, “घटोत्कच”, “जंबो”. लेकिन बच्चों के साथ यह फिल्में युवाओं को आकर्षित नहीं कर पाईं.
एक ही सब्जेक्ट, आध्यात्म और विषय की कम विविधता के कारण भारत में एनीमेशन फिल्में उतनी नहीं चलतीं जितना इनसे अपेक्षा होती है. हाल ही में आई हॉलिवुड की 3 डी एनीमेशन फिल्म “अवतार” में जिस तरह से एनीमेशन का सही प्रयोग किया गया था उससे बॉलिवुड को जरुर सबक मिला होगा.
दिवाली के मौके पर भारतीय बॉलिवुड में इस बार सिल्वर स्क्रीन पर एनीमेशन फिल्म रामायण-द एपिक रिलीज होगी और इसके साथ ही लव-कुश नाम की एक और एनीमेशन फिल्म आने को तैयार है. लेकिन एक बार फिर वही चीज एनीमेशन जगत को जकड़े हुए है वह है विषय. कब तक आध्यात्म के सहारे एनीमेशन फिल्मों को चलाया जाएगा. एनीमेशन फिल्में बेशक बच्चों के लिए हों लेकिन वह तभी सफल मानी जाती हैं जब बडे भी उसमें रुझान दिखाएं जैसा अवतार फिल्म के साथ हुआ था.
वैसे एक चीज जो भारतीय एनीमेशन फिल्मों में दिखती है वह है संस्कृति को साथ लेकर चलने की प्रतिबद्धता और बच्चों को सही दिशा दिखाने वाली फिल्में.
खैर उम्मीद है जल्द ही सिल्वर स्क्रीन पर हमें एक बेहतरीन एनीमेशन फिल्म देखने को मिलेगी जो “अवतार” जैसी हॉलिवुड फिल्मों को टक्कर दे सके.
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