लोकल गैंग पर केंद्रित क्राइम स्टोरीज को पर्दे पर लाने के लिए मशहूर फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप बचपन में मनोहर कहानियां पढ़ने के शौकीन रहे। अनुराग मानते हैं कि सिनेमा की असली जान क्राइम जॉनर ही है। वह मानते हैं कि अपराधिक कहानियां लोगों को सम्मोहित करती हैं।
गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी लोकल गैंग्स पर फिल्में बनाकर प्रसिद्धि हासिल करने वाले बॉलीवुड के डायरेक्टार अनुराग कश्यप इन दिनों ऑडियो फॉर्म में भी क्राइम स्टोरीज को लाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। ब्लैक फ्राइडे, देव डी, अगली, रमन राघव 2.0 जैसी डार्क शेड और अपराधिक कहानियों पर अनुराग कश्यप फिल्में बना चुके हैं।
फिल्मों के जॉनर को लेकर अनुराग कश्यप ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि सिनेमा की असली जान क्राइम जॉनर ही है। उन्होंने कहा कि टॉप 100 फिल्मों की सूची उठाकर देखा जाए तो उस लिस्ट में टॉप टेन क्राइम जॉनर की फिल्में ही होंगी। अनुराग ने कहा कि अपराधिक कहानियां लोगों को आकर्षित करती हैं।
उन्होंने कहा कि वह किशोरावस्था से अपराधिक कहानियां पढ़ने के शौकीन रहे हैं। उस वक्त पर ऐसी कहानियां काफी प्रचलित थीं। आज भी यही चल रहा है। उन्होंने कहा कि 14 साल की उम्र में उन्होंने क्राइम बेस्ड कहानियों के लिए मशहूर रही मैगजीन मनोहर कहानियां पढ़ा करते थे।
अनुराग कश्यप ने बताया कि उस वक्त वह वेद प्रकाश शर्मा और सुरेंद्र मोहन पाठक के जासूसी और अपराधिक कहानियों वाले उपन्यास खूब चाव से पढ़ा करते थे। अब वह क्राइम बेस्ड ऑडियो स्टोरीज पर केंद्रित थ्रिलर फैक्ट्री शो ऑडिबल सुनो पर लेकर आ रहे हैं। इन कहानियों को लोग नवाजुद्दीन सिद्दीकी और तब्बू जैसे मशहूर कलाकारों की आवाजों में सुन पाएंगे।…NEXT
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