बॉलिवुड में भी राजनीति की तरह ही परिवारवाद देखने को मिलता है. चाहे अमिताभ हों या कपूर खानदान सभी ने अपने परिवार को भी फिल्मों में आने का मौका दिया. इसी फेरहिस्त में एक नाम देओल खानदान का भी जुड़ता है जिसने ना सिर्फ सन्नी और बॉबी देओल जैसे सितारे दिए हैं बल्कि ईशा देओल जैसी अभिनेत्री भी दी है. धर्मेन्द्र के बेटे सन्नी देओल और बॉबी को जहां फिल्मी दुनिया में आने के लिए पिता का सहारा मिला वहीं उनकी और हेमामालिनी की बेटी ईशा देओल को मां ने ही पाला और सहारा दिया. आज अभिनेत्री ईशा देओल का जन्मदिन है.
हेमा मालिनी ने धर्मेन्द्र से जब शादी की थी तब धर्मेन्द्र पहले से शादी-शुदा थे लेकिन प्यार के आगे हेमा मालिनी ने धर्मेन्द्र के परिवार से अलग रहना भी मंजूर किया. हेमा मालिनी अपनी बेटियों के साथ हमेशा धर्मेन्द्र से अलग ही रहीं.
धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की बड़ी बेटी हैं ईशा देओल. 2 नवंबर, 1982 को मुंबई में जन्मी ईशा देओल रिश्ते में सन्नी देओल और बॉबी देओल की बहन हैं. उनकी एक छोटी बहन अहाना भी हैं.
फुटबॉल की शौकीन ईशा बचपन में अपने स्कूल की फुटबॉल टीम की कप्तान थीं. उन्हें भारत की नेशनल वुमेन फुटबॉल टीम के लिए भी चुना गया था. मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से उन्होंने फैशन डिजाइनर का कोर्स किया. उनकी सबसे बड़ी खासियत है शास्त्रीय नृत्य कला. अपनी मां हेमा मालिनी से उन्होंने “भारतनाट्यम” सीखा और देश विदेश में स्टेज शो के द्वारा अपने हुनर का प्रदर्शन किया.
ईशा ने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरूआत “कोई मेरे दिल से पूछे” से की जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले. इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नवोदित अदाकारा के अवार्ड से सम्मानित किया गया. इसके बाद अगर धूम को छोड़ दिया जाए तो वह अधिकतर फ्लॉप फिल्मों में ही देखने को मिलीं.
कहते हैं हर इनसान अपने हिस्से की उपलब्धियां हासिल करने के साथ ही अपने हिस्से की गलतियों से भी गुजरता है. फिल्म इंडस्ट्री की हीरोइनों में ईशा देओल के लिए यह उक्ति सही लगती है. आठ साल से फिल्मों में काम कर रही ईशा ने “युवा” और “धूम” के अपने काम से दर्शकों में यह विश्वास पैदा किया कि वे भी मां हेमा मालिनी की तरह हीरोइनों की अगली कतार में रहेंगी. हालांकि अंतत: ऐसा हो नहीं सका, क्योंकि ईशा की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लगातार पिटती रही हैं. इन फ्लॉप फिल्मों में उनका कोई भी रोल उल्लेखनीय नहीं था.
हाल ही में उन्होंने अपनी मां के निर्देशन में “टेल मी ओ खुदा” में काम किया पर यहां भी उन्हें सफलता हाथ ना लगी.
उनकी कुछ प्रमुख फिल्में “क्या दिल ने कहा”, “कुछ तो है”, “एल ओ सी कारगिल”, “युवा”, “धूम”, “काल”, “दस”, “नो एंट्री”, “शादी नंबर वन”, “डार्लिंग”, “संडे”, “वन टू थ्री”, “आंखें” आदि हैं.
Read Comments