कभी-कभी आप अपनी मेहनत से कहीं और पहुंचना चाहते हैं लेकिन किस्मत आपको कहीं और पहुंचा देती है। कुछ ऐसी ही कहानी है पाकिस्तान से भारत आए मैकमोहन की, जो क्रिकेटर बनने आए थे लेकिन अभिनेता बन गए। आज के दिन वो दुनिया को अलविदा कह गए थे। आइए, जानते हैं उनके सफर से जुड़ी खास बातें।
मैक मोहन का असली नाम था मोहन माखीजानी
फिल्म ‘शोले’ में सांभा का किरदार निभाकर मैक मोहन ने प्रसिद्धि हासिल की थी। गौरतलब है कि वह जानी मानी एक्ट्रेस रवीना टंडन के मामा थे। मैक मोहन का असली नाम मोहन माखीजानी है। उनके पिता भारत में ब्रिटिश आर्मी में कर्नल थे। मैक मोहन को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था और वह क्रिकेटर बनना चाहते थे। साल 1940 में उनके पिता का ट्रांसफर कराची से लखनऊ हो गया, फिर मैक मोहन की शुरुआती पढ़ाई लखनऊ में ही हुई।
बनना चाहते थे प्रोफेशनल क्रिकेटर
एक इंटरव्यू में मैकमोहन ने बताया था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की क्रिकेट टीम के लिए भी खेला था। फिर एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने तय कर लिया कि अब उन्हें क्रिकेटर बनना ही है। उन दिनों क्रिकेट की अच्छी ट्रेनिंग सिर्फ मुंबई में दी जाती थी जिसके बाद वह साल 1952 में मुंबई आ गए लेकिन मुंबई आने के बाद उन्होंने जब रंगमंच को देखा तो इस तरफ उनका ध्यान गया।
शोले के सांभा के रूप में हुए थे मशहूर
मैक मोहन ने साल 1964 में फिल्म ‘हकीकत’ से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। अपने 46 साल के करियर में 175 फिल्मों में उन्होंने काम किया। उन्हें अपने दौर के सभी बड़े फिल्म डायरेक्टर्स ने काम दिया। ‘डॉन’, ‘कर्ज’, ‘सत्ते पे सत्ता’, ‘काला पत्थर’, ‘रफू चक्कर’, ‘शान’ और ‘शोले’ जैसी फिल्मों में उनका काम बेहद सराहा गया। उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ काफी फिल्मों में काम किया। नवंबर 2010 में जब मैक मोहन ‘अतिथि तुम कब जाओगे’ की शूटिंग कर रहे थे तो उनकी तबियत खराब हुई। तभी उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में दाखिल किया गया। जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके फेफड़ों में ट्यूमर है। इसके बाद उनका लंबा इलाज चला लेकिन उनकी तबियत लगातार बिगड़ती चली गई। एक साल बाद ही 10 मई 2010 को मैक मोहन हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गए।…Next
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