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बॉलिवुड का असर बदलते फैशन की तस्वीर


बॉलिवुड ने भारतीय समाज में ऐसी जगह बनाई है जिसके बाद लोग उसकी हर अच्छी-बुरी चीज को अपनाने को आतुर रहते हैं. कुछ के लिए अभिनेता अमिताभ भगवान हैं तो कुछ सलमान के इतने दीवाने हैं कि उनके बालों की स्टाइल से लेकर उनकी हर अदा को कॉपी करना चाहते हैं तो ऐसे लोगों की भी समाज में कोई कमी नहीं जो अपने बटुए या घर में अभिनेत्री हेमामालिनी आदि की फोटो रखते हैं. यह दर्शाता है कि लोगों में फिल्मी सितारों के प्रति कितनी दीवानगी भरी है.

आज के ब्लॉग में हम आपको बॉलिवुड के कुछ ऐसे ही स्टाइल और फैशन के बारें में बता रहे हैं जिन्होंने समाज में धूम मचा दी थी फिर चाहे वह 70-80 में देवानंद का काला कोट हो या सलमान की फिल्म “तेरे नाम” की हेयर कटिंग.

devदेवानंद का काला कोट: अपने दौर के सबसे सफल अभिनेता देवानंद अपने काले कोट की वजह से बहुत सुर्खियों में आए थे. बात उस समय की है जब देवानंद अपने अलग अंदाज और बोलने के तरीके के लिए काफी मशहूर थे. उनके सफेद कमीज और काले कोट के फैशन को तो जनता ने जैसे अपना ही बना लिया था और इसी समय एक ऐसा वाकया भी देखने को मिला जब न्यायालय ने उनके काले कोट को पहन कर घूमने पर पाबंदी लगा दी. वजह थी कुछ लडकियों का उनके काले कोट के प्रति आसक्ति के कारण आत्महत्या कर लेना. दीवानगी में दो-चार लडकियों ने जान दे दी. इससे एक बात साफ थी कि देवानंद का किरदार हो या उनका पहनावा हमेशा सदाबहार ही रहा.

123अमिताभ की लॉंग पैंट: अस्सी के दशक में जब अमिताभ अपने शिखर पर थे उस समय की एक बात बहुत देखने में आती थी और वह थी लंबी बेलबॉटम की जींस की पैंट. अमिताभ अक्सर हर दूसरी फिल्म में ऐसी ही पैंट पहने नजर आते थे नतीजन उनके प्रशंसको ने जैसे डेनिम कम्पनी को मालामाल कर दिया. लंबी बेलबॉटम की पैंट, रंगीन कमीज और ऊपर से अमिताभ की हेयर स्टाइल….. हर कोई बस यही चाहता था. हालांकि उस समय अमिताभ के अलावा इस फैशन को ऋषि कपूर, संजीव कपूर, धर्मेंद्र, विनोद खन्ना जैसे सभी अभिनेताओं ने यही फैशन अपनाया था.

जीनत का बोल्ड अंदाज: जीनत अमान ने बॉलिवुड में बोल्ड इमेज की जैसे नींव रखी थी. पहली बार अगर किसी हिरोइन ने खुले अंदाज में बिकनी को अपनाया था तो वह जीनत ही थीं. लेकिन जिस वजह से लोग जीनत को हमेशा याद रखते हैं वह है उनकी लॉग नेक वाली ड्रेस के साथ बोल्ड अंदाज. उनके इस फैशन को लडकियों ने हाथों-हाथ लिया और आने वाले समय में अधिकतर लडकियां उनकी जैसी ड्रेस पहनती नजर आईं. हालांकि उस समय लोगों ने इसका काफी विरोध किया लेकिन जब जनता कुछ ठान लेती है तो करके ही मानती है.

hum-aapke-hain-kaun1माधुरी की साड़ी: 90 के दशक में आई फिल्म ‘ हम आपके हैं कौन’ में माधुरी की साड़ी का जलवा ऐसा छाया कि लड़कियों ने कॉलेज में भी साड़ी पहन कर जाना शुरु कर दिया था. शादी हो या कोई फैमिली फंक्शन हर जगह साड़ियों का क्रेज देखते ही बनता था.

ऐसा नहीं है कि माधुरी से पहले साड़ियों का क्रेज नहीं था लेकिन जिस समय उन्होंने इस क्रेज को बढ़ाया उस समय समाज में शॉर्ट स्कर्ट और तंग कपडों का फैशन चल रहा था और ऐसे में उन्होंने साड़ियों का फैशन चला कर सब पलट दिया था.

TNसलमान, ‘तेरे नाम’ और बीच की मांग : सलमान हमेशा से ही अपने प्रशंसकों के बीच अपने फैशन के लिए चर्चा में रहे हैं. शुरुआत में युवा वर्ग में बॉडी बनाने का शगल शुरु सलमान ने ही किया था. उनका हर फिल्म में शर्ट निकाल कर अपनी बॉडी दिखाने का असर ऐसा हुआ कि लड़के कॉलेज आदि से भाग कर जिम जाकर बॉडी बनाने लगे. फैंस ही नहीं पूरा बॉलिवुड मानता है कि सलमान ने ही सबसे पहले बॉडी बनाने का ट्रेंड शुरु किया था. लेकिन जिस चीज के लिए युवा वर्ग पागल हो गया था वह थी कुछ साल पहले आई उनकी फिल्म “तेरे नाम” की हेयर स्टाइल. लोगों ने जैसे थोक के भाव अपने बाल बढ़ा कर बीच की मांग निकालनी शुरु की. स्कूल और कॉलेजों में उनकी दीवानगी सबसे ज्यादा थी. हालांकि इसी फिल्म में सल्लू के किरदार यानी एक सिरफिरे आशिक की कॉपी भी कइयों ने की. इस बात से सबसे ज्यादा प्रभावित युवावर्ग था तो सबसे पीड़ित टीचर और अभिभावक जो बच्चों के इस फैशन से बहुत परेशान हुए.

हालांकि बॉलिवुड में ऐसे कई किरदार हैं जिन्होंने समाज में अपनी जगह बनाई, उनका फैशन जनता का फैशन बना. लेकिन यह भी सच है कि बॉलिवुड को आदर्श बना कर असामाजिक काम करने वालों की भी कमी नहीं फिर चाहे वह अजय देवगन का मस्त अंदाज में सिगरेट पीना हो या “धूम” फिल्म की तर्ज पर बाइक से चोरी. भारतीय समाज सिनेमा के प्रति अभी भी पूरी तरह परिपक्व नहीं है. इसलिए हम सभी चाहते हैं कि बॉलिवुड कुछ ऐसा भी बनाए जिससे समाज को फायदा हो. किस सीन, अतरंग दृश्य, अभद्र भाषा और बेबुनियाद किरदार न समाज के लिए फायदेमंद हैं न फिल्म निर्माताओं के लिए. उम्मीद के सहारे दुनिया कायम है और सब चाहते हैं बॉलिवुड में साफ-सुथरी ना सही पर समाज पर केंद्रित फिल्म तो बननी ही चाहिए.

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