‘आओ कभी हवेली पर’ कुछ वक्त पहले सोशल मीडिया पर अमरीश पुरी का ये डायलॉग मजाक के तौर पर खूब वायरल हो रहा था. अमरीश पुरी एक ऐसे विलेन जिनके डायलॉग फिल्मों के गानों से ज्यादा मशहूर होते थे. ‘मिस्टर इंडिया’ का डायलॉग ‘मोगेम्बो खुश हुआ’ आज भी लोग अपनी बातचीत में मजाक के तौर पर इस्तेमाल करते हैं.
आज अमरीश पुरी का जन्मदिन है. आज बेशक वो हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी फिल्में आज भी उनके बेहतरीन अभिनय की याद दिलाती हैं. आइए, जानते हैं उनकी जिंदगी के कुछ दिलचस्प पहलू.
ऐसे विलेन जिनकी फीस हीरो से ज्यादा थी
अमरीश पुरी वीडियो या ऑडियो इंटरव्यू नहीं देते थे. कुछ मौकों पर उनकी फुटेज नजर भी आती है तो वो शूट के दौरान की रही है. वे अख़बारों या मैगजीन को इंटरव्यू देते हुए भी अपनी आवाज रिकॉर्ड नहीं करने देते थे. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी आवाज पर काफी मेहनत की है इसलिए वो अपने हुनर और काम की फीस से कभी समझौता नहीं करते. फिल्मों में उनके अभिनय और आवाज का ही जादू था कि मशहूर होने के बाद उन्हें कई फिल्मों में हीरो से ज्यादा फीस मिली. विलेन के तौर पर काम करने के लिए अमरीश 1 करोड़ रुपए से ज्यादा लेते थे.
फिल्मों का ऐसा जुनून था, छोड़ दी सरकारी नौकरी
थियेटर में काम करते हुए जब अमरीश को फिल्मों के ऑफर आने लगे तो उन्होंने कर्मचारी राज्य बीमा निगम की अपनी करीब 21 साल की सरकारी नौकरी छोड़ दी. इस्तीफा दिया तब वे ए ग्रेड के अफसर हो चुके थे. पुरी नौकरी तभी छोड़ देना चाहते थे जब में थियेटर में एक्टिव हो गए. लेकिन सत्यदेव दुबे ने उनको कहा कि जब तक फिल्मों में अच्छे रोल नहीं मिलते वे ऐसा न करें. आखिरकार डायरेक्टर सुखदेव ने उन्हें एक नाटक के दौरान देखा और अपनी फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ फिल्म के लिए साइन कर लिया. उस दौरान उनकी उम्र करीब 40 साल थी.
ओमपुरी इतने खास दोस्त थे, सब भाई समझते थे
ओमपुरी और अमरीश पुरी दोनों इतने करीबी दोस्त थे कि ज्यादातर लोग उन्हें भाई समझते थे. ओम पुरी कभी-कभी फोन पर अमरीश पुरी की आवाज में बात करके लोगों को बेवकूफ बनाया करते थे. दोनों की दोस्ती पूरी इंडस्ट्री में मशहूर थी…Next
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