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देश की पहली कलर फिल्म, हीरोइन के इस सीन को माना था अश्लील… हुआ बवाल!

संस्कारी सेंसर बोर्ड. पिछले कुछ समय में सेंसर के सनकी रवैए की वजह से सोशल मीडिया पर सेंसर बोर्ड का नामकरण भी कर दिया गया. फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में तो हद ही हो गई थी. जब 89 बार कैंची चलाई गई थी. उसी तरह आपने कई फिल्में देखी होगी जिनमें स्मोकिंग सीन आते ही नीचे डिस्क्लेमर भी आता है. जरा सोचिए, क्या महज एक डिस्क्लेमर चला देने से लोगों में जागरूकता आ जाएगी? जबकि दुनिया के हर इंसान को ये बात पता है कि स्मोकिंग करना जानलेवा है. ऐसे में जिन मुद्दों पर बहस किए जाने की जरूरत है उन्हें सेंसर हटा देता है जबकि आजकल की मसाला फिल्मों ने बी-ग्रेड फिल्मों को भी फेल कर दिया है. सेंसर बोर्ड इन फिल्मों को बैन नहीं करती जबकि मुद्दों पर बनी फिल्मों से वास्तविकता को गायब करने के लिए जंग जैसा माहौल देखने को मिलता है.

चलिए, हम आपको ऐसी ही फिल्म के बारे में बताते हैं. बॉलीवुड की पहली कलर फिल्म ‘किसान कन्या’ के बारे में.


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किसानों और मजदूरों पर बनी थी फिल्म

1937 में आई पहली कलर फिल्म ‘किसान कन्या’ किसानों की दशा पर आधारित थी. फिल्म में जमींदारों को किसानों पर अत्याचार करते हुए दिखाया गया था. फिल्म शोषण, गरीबी और भुखमरी की एक नई तस्वीर पेश करती है. जिसमें कर्ज में डूबे हुए किसान और उनकी आत्महत्या से जुड़े हुई कई मुद्दों को उठाया गया था.



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सहादत हसन मंटो की लिखी हुई कहानी

फिल्म के रिलीज से पहले ही फिल्म चर्चा में आ गई थी. दरअसल, फिल्म की कहानी बोल्ड और बेबाक माने जाने वाले मंटो की लिखी एक कहानी पर आधारित थी. मंंटो की कहानियों को समाज का एक वर्ग अश्लील और फूहड़ मानता है. मंटो की कहानियों के कई शब्दों की वजह से उन्हें अदालतों में कई केसों का सामना भी करना पड़ा था. उनकी इस छवि का खतरा फिल्म पर भी मंडराने लगा था. कई लोग फिल्म रिलीज से पहले ही फिल्म का विरोध कर रहे थे.


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फिल्म के इस सीन पर थी कड़ी आपत्ति

फिल्म के एक सीन में अभिनेत्री कंधे पर धान के पुआल को लेकर गाना गाती हुई दिखाई देती है. इस दौरान उसने घाघरा चोली और चुन्नी ली हुई थी लेकिन चलने पर उसके पेट का कुछ हिस्सा दिखाई देता था. जिससे सेंसर को लगा कि ये सीन भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. साथ ही इससे खेतों में काम करने वाली स्त्रियों की छवि खराब होगी, इसलिए इस फिल्म में इस सीन पर लंबी खींचतान चली थी. लेकिन इसके बाद आपसी बातचीत से विवाद को सुलझा लिया गया.



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