दुनियाभर को अपनी ताकत का जोर दिखाने वाले भारतीय पहलवान दारा सिंह ने विश्व चैंपियन का खिताब हासिल किया। मरने तक अपराजेय पहलवान का खिताब उनके पास ही रहा। दारा सिंह ने दुनियाभर में मशहूर अपने से दोगुना वजन वाले पहलवान को हराकर उसकी मूछें उखाड़ दी थीं। दारा सिंह शादीशुदा होते हुए भी एक गोरी पंजाबन लड़की के इश्क में इस कदर गिरफ्तार हुए कि शादी कर ली।
कम उम्र में ही बड़े दिखते थे दारा सिंह
पंजाब में अमृतसर के धरमूचक गांव में 19 नवम्बर 1928 को बलवंत कौर और सूरत सिंह रंधावा के घर एक बच्चे का जन्म हुआ। माता पिता ने बच्चे का नाम दारा सिंह रंधावा रखा। बचपन से ही दारा सिंह को पहलवानी और कुश्ती का माहौल मिला तो वह भी पहलवानी की ओर चल पड़े। दारा सिंह अपने गठीले शरीर की वजह से उम्र से भी बड़े दिखते थे। दारा सिंह के माता पिता ने नाबालिग उम्र में ही बचना कौर से 1937 में शादी कर दी।
शादी और पिता बनने के वक्त तक नाबालिग थे
शादी के बाद दारा सिंह ने पहलवानी को अपना करियर बना लिया और अपने भाई सरदारा सिंह रंधावा के साथ मिलकर इलाके में होने वाले दंगलों में हिस्सा लेने लगे। दारा सिंह ने 16 साल की उम्र में ही अमृतसर में नाम कमा लिया और प्रतिभाशाली युवा पहलवानों की फेहरिस्त का हिस्सा बन गए। इस बीच जब दारा सिंह 17 साल की उम्र में प्रद्य्युम्न के पिता भी बन गए।
सुरजीत से इश्क और दूसरी शादी
1960 तक दारा सिंह विश्वचैंपियन बन चुके थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवानों को धूल चटा दी। इस बीच दारा सिंह की मुलाकात एक गोरी चिट्टी पंजाबन लड़की सुरजीत कौर से हो गई। दारा सिंह सुरजीत की खूबसूरती पर मर मिटे और उनके इश्क में गिरफ्तार हो गए। बाद में 1961 में दारा सिंह ने शादीशुदा होने के बावजूद सुरजीत से विवाह किया और बाद में अपनी पहली पत्नी को तलाक दिया।
मलेशियाई चैंपियन को पटक कर तहलका मचाया
दारा सिंह ने 1947 में कुश्ती के लिए कई देशों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने कुआललंपुर में मलेशियाई चैंपियन तारलोक सिंह को हराकर मलेशिया चैंपियन बने और कुश्ती की दुनिया में तहलका मचा दिया। इसके बाद दारा सिंह कॉमलवेल्थ देशों के दौरे पर निकले। इस बीच आस्ट्रेलिया के चैंपियन और विश्व के सबसे खतरनाक पहलवान किंग कांग से उनकी कुश्ती हुई। जो दारा सिंह की अब तक की सबसे ज्यादा रोमांचक और चर्चित कुश्ती कही जाती है।
200 किलो वजनी किंगकांग को पटका और मूछें उखाड़ीं
विदेशी धरती पर अपना विजय अभियान लेकर निकले दारा सिंह 1952 में भारत लौटे। इससे पहले उनकी विश्वविख्यात कुश्ती विश्व चैंपियन किंग कांग से हुई। कहा जाता है कि कुश्ती से पहले 200 किलो वजनी किंग कांग और दारा सिंह के बीच हारने वाले की मूछें उखाड़ने का चैलेंज हो गया। कुश्ती के इस मैच में दारा सिंह ने किंग कांग को अपने हाथों पर उठाया और घुमाकर पटक दिया। किंग कांग को हार नसीब हुई और दारा सिंह ने उसकी मूछें नोच लीं।
न्यूजीलैंड और कनाडा के पहलवानों ने दी खुली चुनौती
किंग कांग को हराने के बाद दारा सिंह को न्यूजीलैंड के चैंपियन जॉन डिसिल्वा और कनाडा के जार्ज गारडियान्का ने खुली चुनौती दे दी। इस बीच 1954 दारा सिंह भारतीय कुश्ती के चैम्पियन बन गए। 1959 में कोलकाता में आयोजित कॉमनवेल्थ कुश्ती चैंपियनशिप में चुनौती देने वाले जॉन डिसिल्वा से दारा सिंह की भिड़ंत हुई और दारा सिंह विजयी बने। इसके बाद उनकी कुश्ती जार्ज गारडियान्का से हुई उन्होंने जार्ज को भी हराकर चैंपियनशिप अपने नाम कर ली।
विश्व चैंपियन और हनुमान बनकर घर घर में लोकप्रिय हुए
दारा सिंह ने 1968 में अमेरिका के पहलवान और विश्वचैंपियन लाउ थेज से कुश्ती हुई। 29 मई को हुए इस मैच में दारा सिंह ने थेज को हराकर विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम लिया। दारा सिंह ने लगातार 500 कुश्तियां जीतने का रिकॉर्ड बनाया। 1983 में उन्होंने अपने अंतिम मैच को जीतकर सन्यास ले लिया। तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने दारा सिंह को अपराजेय पहलवान का खिताब देकर सम्मानित किया। दारा सिंह ने बाद में बॉलीवुड में भी नाम कमाया और रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण में वह भगवान हनुमान का किरदार निभाकर घर घर में लोकप्रिय हो गए।…NEXT
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