एक समय था जब बॉलिवुड नायिकाओं के लिए शर्म और हया जैसी बातें बहुत ज्यादा अहमियत रखती थीं. उनके परिधान और तौर-तरीके उनके इस स्वभाव को स्वत: ही प्रदर्शित कर देते थे. भारतीय सिनेमा में नायिकाओं की छवि इतनी अधिक परिष्कृत और साफ-सुथरी होती थी कि उन्हें फिल्म में जितने भी गाने दिए जाते थे उनके गीत भी बेहद शालीन होते थे. पर्दे के पीछे अपनी निजी जिंदगी में वह कैसी हैं इस बात से ना इत्तफाक रखते हुए वह अपने नायक से जल्दी घर जाने और उन्हें तंग ना करने की गुहार लगाती थीं. उनके लिए गाने भी कुछ ऐसे बनते थे, छोड़ दो आंचल, जमाना क्या कहेगा. लेकिन आज की मॉडर्न अभिनेत्रियां ना सिर्फ पर्दे पर शराब पीती और धुआं उड़ती नजर आती हैं बल्कि जिन गानों पर वह नृत्य करती हैं उसके बोल बिंदास और बोल्ड होते हैं और वो भी इतने ज्यादा कि आप उन्हें अपने परिवार वालों के सामने गा भी नहीं पाएंगे.
पुराने जमाने की नायिकाओं को अभिनय करने के लिए बहुत कोमल भूमिकाएं दी जाती थी, लेकिन आज की हमारी बोल्ड एंड ब्यूटीफुल अभिनेत्रियां बिना किसी झिझक के गालियां देती हैं, नशा करती हैं और खलनायकों के साथ हाथापाई भी कर ही लेती हैं.
अभी कुछ दिनों पहले रिलीज हुई फिल्म रॉकस्टार की नायिका हीर देशी शराब पीने के लिए ललचाती रहती है, वहीं द डर्टी पिक्चर में तो विद्या बालान ने अपनी पुरानी छवि को पूरी तरह पीछे छोड़ दिया है. इस फिल्म में वह जितने उत्तेजक अवतार में दिखाई दी हैं, पहले के समय में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. नो वॉन किल्ड जेसिका में तो रानी मुखर्जी ने कोई बंधन रखा ही नहीं है. एक पत्रकार के पेशे को उन्होंने कितना बोल्ड बनाकर पेश किया है यह तो फिल्म देखने वाले समझ ही गए होंगे.
फिल्म समीक्षकों का कहना है कि फिल्म में वही सब दर्शाया जाता है जो समाज में घटित हो रहा होता है. पति की आज्ञा का पालन करना, खुद को घर की दहलीज तक बांधे रखना और अपनी सभी इच्छाओं को दबाकर चलना बीते जमाने की बात हो चुकी है. इसीलिए अगर आज की फिल्मों में ऐसी कहानियां दिखाई जाएंगी तो लोग उसे पचा नहीं पाएंगे. आज की महिलाएं जागरुक और स्वतंत्र हैं. वह जानती हैं उन्हें क्या करना है इसीलिए पर्दे पर भी उन्हें बोल्ड ही दिखाया जाया है.
आज महिलाओं के लिए शराब या सिग्रेट पीना, पार्टियों में जाना निषेध नहीं रहा है इसीलिए आज वे बिना किसी बंधन के अपने अनुसार जीवन यापन कर रही हैं.
देहली बेली, इश्किया, शैतान, तनु वेड्स मनु, जिस्म, सात खून माफ, दम मारो दम और गर्लफ्रेंड कुछ ऐसी ही फिल्में हैं जिसमें नायिकाओं ने अपनी पुरानी छवि को पूरी तरह ओल्ड-फैशंड साबित कर दिया है. इन फिल्मों में अभिनेत्रियां ना सिर्फ धूम्रपान करती और शराब पीती नजर आती हैं बल्कि समलैंगिक संबंध बनाने में भी उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हुई. इन फिल्मों में महिलाओं के किरदार पूरी तरह अलग हैं.
नायिकाओं की बदलती छवि को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि बीते समय की तुलना में आज की महिलाएं बहुत ज्यादा साहसी और शरारती हुई हैं.
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