साल 2011 ने हिन्दी सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ हिरोइन की दौड़ को बहुत मुश्किल बना दिया है. जहां साल 2011 में विद्या बालन ने सफलता की ऊंची छलांग लगाई, वहीं साल 2012 किसके लिए शुभ होगा, यह कहना अभी गलत होगा. इस समय हिन्दी सिनेमा में करीना कपूर, विद्या बालन और कैट्रीना कैफ के ही बीच नंबर की तगड़ी लड़ाई छिड़ी है. तो चलिए एक नजर डालते हैं नंबर वन की इस खतरनाक रेस पर.
विद्या बालन
साल 2011 के अंत में हर तरफ विद्या बालन छाई हुई थीं. टीवी हो या अखबार हर जगह सिर्फ द डर्टी पिक्चर की सिल्क ने जादू कर रखा था. लंबे समय से हिंदी फिल्मों के ग्लैमरस वृत की परिधि पर खड़ी विद्या बालन सिर्फ एक फिल्म से केंद्र में आ गई थीं. उन्होंने अपने परफॉर्मेंस से साबित कर दिया है कि वे अकेले दम पर दर्शकों को सिनेमाघरों में खींच सकती हैं. उनकी इस योग्यता और क्षमता का निर्माता एकता कपूर और निर्देशक मिलन लुथरिया ने सही उपयोग किया.
विद्या की इस कामयाबी को परिभाषित करने में असमर्थ ट्रेड पंडित कभी उन्हें लेडी आमिर खान कह रहे हैं तो कभी बता रहे हैं कि अब उन्हें अपना नाम विद्या बालन खान रख लेना चाहिए. विद्या ने उनकी ऐसी टिप्पणियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है कि अगर वे चाहें तो अपने नाम के आगे बालन लिखना शुरू कर दें. मैं तो विद्या बालन थी, हूं और रहूंगी.
ताजा खबर यह है कि विद्या ने रजनीकांत की फिल्म के लिए मिला प्रस्ताव ठुकरा दिया है. शोहरत के इस स्फुरण में भी विद्या के पांव जमीन पर हैं. उन्होंने नो वन किल्ड जेसिका के निर्देशक राजकुमार गुप्ता की फिल्म “घनचक्कर” के लिए हां कह दिया है. अब देखना है कि साल 2012 में यह हॉट बाला कामयाबी की डगर में कितने कदम बढ़ाती है.
कैट्रीना कैफ
हालांकि माना जा रहा है कि विद्या बालन के नाम का चढ़ा यह ज्वार कुछ समय में उतर जाएगा. फिर पता चलेगा कि नंबर वन का सही दावेदार कौन है. अब अगर इस पद का कोई सही दावेदार नजर आता है तो वह हैं कैट्रीना कैफ. पिछले दो सालों से कैट्रीना ने अपने लिए जो जगह बनाई है उसे हिला पाना किसी भी हिरोइन के लिए मुश्किल लगता है.
आने वाले सालों में कैट्रीना कैफ सलमान खान, आमिर खान और शाहरुख खान के साथ फिल्में कर रही हैं, इसलिए ऐसा कयास लगाना उचित है. इस संभावना के बावजूद जमीनी सच्चाई पर गौर करें तो कैट्रीना को अभी तक किसी फिल्म की सफलता का फुल क्रेडिट नहीं मिला है. खानों के दम पर नंबर वन का दावा करना एक बात है और सचमुच नंबर वन पोजीशन हासिल करना दूसरी बात. आज भी कैट्रीना की सबसे बड़ी अड़चन भाषा है. सिर्फ खूबसूरती और उत्तेजक ठुमकों के दम पर दर्शकों को स्थायी रूप से नहीं रिझाया जा सकता. इस साल जल्द ही लोग कैट्रीना कैफ को “एक था टाइगर” में सलमान खान के साथ देखेंगे.
प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण
प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण साल 2011 में कोई जलवा नहीं दिखा सकी हैं. इन दोनों की कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रही. “7 खून माफ” में प्रियंका चोपड़ा की अवश्य तारीफ हुई, लेकिन “डॉन-2” में वह शाहरुख खान के प्रभाव में दबी रहीं. इस साल उनके पास इमरान खान और रणबीर कपूर की फिल्में आएंगी. उनकी एक फिल्म शाहिद कपूर के साथ भी निर्माणाधीन है. उन्होंने हाल ही में सलमान खान से पुराना मनमुटाव खत्म किया.
दीपिका पादुकोण “देसी ब्वॉयज” में किनारे-किनारे ही रहीं. “दम मारो दम” में उनका आइटम गीत हिट हुआ. अब देखना है कि दीपिका अपने एक्स ब्वॉयफ्रेंड रणबीर कपूर के साथ फिर से जोड़ी बना पाती हैं या नहीं?
करीना कपूर
अब रही बात करीना कपूर की. करीना साल 2011 में सलमान खान के साथ “बॉडीगार्ड” और शाहरुख खान की “रा. वन” में दिखीं. दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ का कारोबार किया. इस लिहाज से उनकी सफलता सौ फीसदी कही जा सकती है. हालांकि दोनों ही फिल्मों में वे सामान्य भूमिकाओं में थीं, लेकिन सफल फिल्म का हिस्सा होने का फायदा तो होता ही है. अभी उनके पास “हीरोइन” फिल्म है. मधुर भंडारकर ने इस फिल्म में उन्हें एक जटिल और चैलेंजिंग रोल दिया है. मजेदार है कि एक तरफ वे इमरान खान के साथ आ रही हैं, तो दूसरी तरफ सैफ अली खान के साथ भी उनकी फिल्म तैयार है. पांचो खानों के साथ काम करने वाली वे अकेली हीरोइन हैं. नंबर वन की होड़ में बाकी हीरोइनें करीना की जगह लेने का दावा कर रही हैं. इससे यह तो तय हो जाता है कि नंबर वन के सिंहासन पर करीना ही विराजमान हैं. अभी उनके वहां से उठने या हटने की संभावना नहीं दिख रही, जबकि बाकी हीरोइनों की तरह वे आज के पॉपुलर हीरो रणबीर कपूर के साथ हीरो-हीरोइन टाइप की फिल्में नहीं कर सकतीं.
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