फिल्में हिट कराने के लिए आजकल के फिल्मकारों का सीधा और आसान सा तरीका है उसमें मसाला डाल देना. मर्डर 2, देल्ही बेली और द डर्टी पिक्चर में जिस तरह से सेक्स का तड़का लगाया गया उससे कुछ फिल्मकार तो बेहद प्रेरित हुए लेकिन जो फिल्म और सिनेमा की अच्छी समझ रखते हैं वह जानते हैं कि हालात हमेशा ऐसे नहीं रहेंगे. बॉलिवुड में आज भी दर्शक ऐसी फिल्मों को एक हद तक ही पसंद करते हैं जिसमें अधिक मसाला हो. आजकल दर्शक बदल रहे हैं. सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखने वालों में युवाओं की संख्या अधिक हो गई है और यही वजह है कि युवा मन अपने हिसाब और अपने मतलब की फिल्में देखना चाहता है. लव, म्यूजिक और लाइफस्टाइल पर बनी फिल्मों की सफलता साफ करती है कि ट्रेंड किस और झुक रहा है.
हाल ही में घोषित हुए फिल्मफेयर अवार्ड्स में “जिंदगी ना मिलेगी दुबारा” को कुल सात पुरस्कार दिए गए जो एक बड़ी बात है. जब यह फिल्म रिलीज हुई थी तो लोगों को इससे उम्मीदें कम थीं. लोग यह नहीं सोच रहे थे कि तीन दोस्तों की छुट्टियां बिताने की फिल्म को दर्शक पसंद करेंगे. लेकिन यह फिल्म ना सिर्फ युवाओं को पसंद आई बल्कि समीक्षकों की निगाह में भी एक बेहतरीन फिल्म बन कर उभरी.
इस फिल्म के अलावा “रॉकस्टार” की सफलता ने भी दिखा दिया कि अगर आप यूथ को टारगेट करके फिल्म बनाएंगे तो सफलता जरूर मिलेगी. “रॉकस्टार” की सफलता में हमें एक ऐसे यूथ की तस्वीर दिखाई देती है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए सिस्टम से लड़ने का जज्बा दिखाता है. दिल्ली के कॉलेजों की पृष्टभूमि युवा दर्शकों को फिल्म से जोड़ती है. इस तरह देखें तो सिर्फ यह कहना कि “फिल्म में सेक्स और मसाला डालने से ही फिल्म हिट होती है” गलत होगा. फिल्में हिट कराने के लिए अगर अलग सोच के साथ काम किया जाए तब भी सफलता मिल सकती है.
Entertainment Without Vulgarity Hit Hindi Movies
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