बॉलिवुड में ऐसे कलाकारों की हमेशा मांग रहती है जिनमें बहुमुखी प्रतिभा होती है. आजकल ऐसे कलाकारों की लिस्ट लंबी होती जा रही है जो एक समय में एक से अधिक काम करते हैं. जैसे निर्देशक ही फिल्म की कहानी भी लिखता है और कई बार वह फिल्म में अहम किरदार को भी निभाता है. बहुमुखी प्रतिभा के ऐसे ही एक धनी सितारे हैं जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर.
फरहान अख्तर का जन्म मुंबई में मशहूर संवाद और कहानी लेखक जावेद अख्तर के घर हुआ. उनकी मां का नाम हनी इरानी है. उनकी जुड़वा बहन जोया अख्तर हैं जिन्होंने फरहान अख्तर की फिल्म “लक बाई चांस” को निर्देशित किया था. फरहान अख्तर की प्रारंभिक शिक्षा जुहू के मानेक जी कॉपर स्कूल से हुई. फरहान अख्तर ने अपनी स्नातक की पढ़ाई के लिए एच आर कॉलेज में दाखिला लिया लेकिन बाद में दूसरे वर्ष ही छोड़ दिया.
17 साल की उम्र में ही फरहान अख्तर ने सिनेमा की दुनिया में कदम रख दिया था. फिल्म “लम्हे” और “हिमालय पुत्र” जैसी फिल्मों में उन्होंने सहनिर्देशक की भूमिका निभाई थी. इसके बाद उन्होंने लंबे समय तक टीवी और फिल्मों में कई तरह के कार्य किए.
साल 2001 में फिल्म “दिल चाहता है” के साथ उन्होंने निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा. इस फिल्म में आमिर खान, अक्षय खन्ना, सैफ अली खान जैसे सितारे थे. फिल्म सुपरहिट रही थी. इस फिल्म को कई अवार्डों से सम्मानित किया गया था. “दिल चाहता है” को 2001 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला.
इसके बाद फरहान अख्तर ने “लक्ष्य” जैसी फिल्म बनाई जो पर्दे पर तो नहीं चल सकी पर फिल्म में उनके काम की बहुत सराहना हुई. “लक्ष्य” के बाद फरहान ने ब्लॉक बस्टर फिल्म “डॉन” का नया वर्जन “डॉन- द चेज बिगेन” बनाई. यह फिल्म भी यह हिट रही.
साल 2008 में फिल्म “रॉक ऑन” से उन्होंने अपने फिल्मी सफर को शुरू किया. अपनी पहली ही फिल्म में मिली सफलता ने उन्हें निर्देशन से अभिनय की दुनिया में आने का प्रोत्साहन दिया. इस फिल्म के लिए फरहान अख्तर को फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
हाल ही में फरहान अख्तर “कार्तिक कॉलिंग कार्तिक” और “जिंदगी ना मिलेगी दुबारा” जैसी फिल्मों में अभिनय करते दिखे. निर्देशन के साथ-साथ अभिनय के क्षेत्र में भी फरहान अख्तर को समान सफलता मिल रही है. उम्मीद है निकट भविष्य में फरहान अख्तर एक बेहतरीन भूमिका वाली फिल्म में अभिनय करते दिखेंगे.
फरहान अख्तर को मिले पुरस्कार
2001 में उनकी फिल्म “दिल चाहता है” को सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. इसके बाद “रॉक ऑन” को भी सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. “रॉक ऑन” के लिए फरहान अख्तर को फिल्मफेयर अवार्ड फॉर बेस्ट डेब्यू से सम्मानित किया गया.
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