90 के दशक का वो सुनहरा दौर, जब ज्यादातर घरों में ब्लैक एंड वाइट टीवी हुआ करती थी. कलर टीवी वाले खुशनसीब घर बहुत कम हुआ करते थे. आज की तरह केबल या डिश चुनने के ऑप्शन नहीं थे. तब सबका अकेला साथी था ‘दूरदर्शन’. उन दोनों डीडी-1 और डीडी मेट्रो पर ऐसे शानदार शो टेलीकास्ट होते थे, जो अब देखने को नहीं मिलते. उस सुनहरे दौर में एक ऐसा सीरियल आता था जिसका नाम तो ‘फ्लॉप शो’ था, लेकिन शो था ‘सुपरहिट’. शो के एक्टर, डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर थे जसपाल भट्टी. जो फ्लॉप शो के छोटे-छोटे किस्सों में राजनीति, व्यवस्था और समाज का हंसते-हंसाते ऐसा चेहरा लेकर आते थे, कि लोग सोचने पर मजबूर हो जाते थे. 10 एपिसोड के इस शो को खूब टीआरपी मिली, लेकिन अफसोस! दूरदर्शन के साथ तालमेल न बैठ पाने की वजह से शो ऑफ एयर हो गया. आज के दिन कॉमेडी के शंहशाह जसपाल भट्टी का जन्म हुआ था.
फ्लॉप शो जिसके हास्य व्यंग रंग से नेता घबराते थे
जैसा कि सभी जानते हैं कि दूरदर्शन पर सरकार की आलोचना करना कोई आसान बात नहीं है लेकिन जसपाल तो अपने बोल्ड अंदाज के लिए जाने जाते थे. व्यवस्था, सरकार पर व्यंग करते ऐसे एपिसोड दर्शकों के सामने आए, कि इसके पहले ही एपिसोड के बाद जसपाल भट्टी ‘फ्लॉप शो वाले सरकार जी’ नाम से मशहूर हो गए. उस दौरान कई बार ऐसा भी होता था कि नेता इस सीरियल पर कमेंट करने से बचते थे. वहीं कुछ इसे वाहियात कहते थे. शो में जसपाल की साथी कलाकार थीं सविता भट्टी, जो असल जिंदगी में उनकी जीवनसाथी थीं.
इंजीनियर जसपाल जो सुनते ज्यादा थे और बोलते कम
जसपाल की पत्नी सविता ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया था ‘अमृतसर में जन्में जसपाल ने, चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. कॉलेज के दिनों में भी वे कॉमेडी के लिए जाने जाते थे. उन दिनों जसपाल भट्टी ने एक ‘नॉनसेंस क्लब’ बनाया था. जसपाल असल जिंदगी में बहुत कम बोलते थे. वो जहां कहीं भी जाते थे, लोगों को सुनते और उनके हाव-भाव को देखते रहते थे. उन्हीं असली बातों को स्क्रिप्ट में इस्तेमाल करते थे.
जसपाल और सविता की ऐसे हुई थी शादी
सविता के मुताबिक 80 का दौर था. जब टीवी पर चित्रहार आया करता था. मैं पूरे सप्ताह गानों का इंतजार किया करती, लेकिन शो के बीच-बीच में एक सरदार जी अपनी लोट-पोट करती हुई वन लाइनर लेकर आते थे. शुरूआत में मुझे बहुत उलझन होती थी लेकिन एक दिन मैंने उन्हें ध्यान से सुना. मुझे वो बहुत दिलचस्प लगा. मतलब ऐसे अनोखे अंदाज में व्यवस्था पर कटाक्ष. कुछ दिनों बाद मैं कसौली गई, वहां मैंने एक मैगजीन में उस सरदार जी का इंटरव्यू पढ़ा. इस दौरान मम्मी-पापा मेरे लिए लड़का ढूंढ रहे थे. उनसे बातचीत में मुझे पता चला कि चंडीगढ़ में कोई लड़का है, उससे बात चल रही है. जब मैं उस लड़के से मिली, तो मुझे पता चला वो जसपाल भट्टी ही थे. हम दोनों ने एक-दूसरे को पसंद किया और शादी हो गई.
टेलीविजन ही नहीं, नुक्कड़ नाटक में भी बिखेरते थे हास्यरंग
टेलीविजन पर प्रसारित जसपाल भट्टी के कई शो काफी पसंद किए गए, जिनमें ‘फ्लॉप शो’, ‘उल्टा-पुल्टा’, ‘लोटपोट’ शामिल है. जसपाल भट्टी के नुक्कड़ नाटक और रोड शो भी लोगों को खूब भाते थे.
25 अक्टूबर की वो काली रात जब जालंधर के पास जसपाल की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और हंसी की दुनिया के बादशाह जसपाल दुनिया को अलविदा कह गए. आइए, बात करते हैं सुनहरे दौर के उस कलाकार की.
Read Comments