भिखारियों की भी किस्मत बदलती है ये बात हम केवल फिल्मों में ही सुनते और देखते हैं, लेकिन असल जिंदगी में एक भिखारी की किसी फिल्म की वजह से ही किस्मत बदली है तो आप यकीन करेंगे. जाहिर है आप चकित हो जाएंगे.
लेकिन यह बात सच है, जिस भिखारी की जिंदगी बदली है उसका नाम है मनोज रॉय और जिस फिल्म ने उसको पहचाना है वो आमिर खान की नई फिल्म ‘पीके’ है. प्रोमों में आमिर का एक भिखारी के साथ पांच सेकेंड का रोल है जिसमें आमिर उसके कटोरे से पैसे उठाते हैं, वह भिखारी मनोज है.
39 साल के मनोज का जन्म असम के सोनितपुर जिले में हुआ. वह एक मजदूर का बेटा है जो दिहाड़ी पर काम करता था. मनोज के जन्म के कुछ साल बाद उसकी मां की मृत्यु हो गई. उस समय वह चार साल का था. पिता के बीमार होने के बाद मनोज ने स्कूल छोड़ दिया और भीख मांगने लगा.
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नौकरी की तलाश में 20 साल पहले मनोज ने असम से दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ी. नौकरी नहीं मिली तो उसने दिल्ली के जंतर मंतर पर अंधे होने का नाटक कर भीख मांगना शुरू कर दिया.
मनोज को कैसे मिला मौका
फिल्म में मिले रोल पर मनोज कहता है – “एक दिन दो सज्जन मुझसे मिलने आए और मुझसे पूछा कि एक्टिंग आती है, मैने कहा ये एक्टिंग ही तो है जो मुझे दो वक्त की रोटी देता है. उन्होंने जाते समय मुझे 20 रुपए के साथ एक फोन नंबर भी दिया.
जब मैंने उस नंबर पर फोन किया तो उन्होंने मुझे नेहरू स्टेडियम बुलाया. अगले दिन जब मैं नेहरू स्टेडियम पहुंचा तो वहां मैने देखा कि सात और भिखारियों का ऑडिशन चल रहा है. मैं फिल्म और अभिनेताओं के बारे में ज्यादा नहीं जानता हूं, लेकिन एक सप्ताह बाद मेरा चयन हो गया.
मनोज आगे कहता है- मेरी आंखों को विश्वास नहीं हो रहा था कि मुझ जैसे व्यक्ति को एक फाइफ स्टार होटेल में ठहराया गया. दिल्ली के स्लम क्षेत्र में जहां पानी की कमी रहती है वहां मैं बिना नहाए रहता था लेकिन होटेल में मुझे स्विमिंग पूल में नहाने का मौका मिला.
जब मैं घर लौटा तो मेरा स्वागत एक हिरो की तरह किया गया. प्रोमो में लोगों को मेरा यह अभिनय काफी पसंद आया, लोगों ने मेरा नाम पीके हंनी सिंह रख दिया, मेरे पास फेसबुक एकाउंट और एक जॉब भी है साथ ही एक गर्लफ्रेंड भी है जिसे मैं आमिर खान की बदौलत क्रिसमस के मौके पर मिलूंगा……Next
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