बुढ़ापे की दहलीज ऐसी होती है जिसमें व्यक्ति को वो दिन भी देखने पड़ते हैं जिसकी कल्पना उसने कभी भी अपने सपने में भी नहीं की होगी. यहां तक कि अपने करीबियों का साथ भी छूट जाता है या यह कहें कि एक समय में आपको बेइंतहा प्यार करने वाले लोग आपके बुढ़ापे की दहलीज में आपका साथ छोड़ देते हैं.
ऐसा किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकता है पर एक्टिंग की दुनिया के लिए बुढ़ापा मानो जैसे श्राप है. चेहरे की चमक, जिस्म की कसावट और आकर्षक दिखने के गुण यदि आप में नहीं हैं, तो ऐसे में बेहद कठिन है बुढ़ापे की उम्र में भी हिन्दी सिनेमा की फिल्मों में अपना वजूद बनाए रखना.
अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान ऐसे अभिनेताओं के नाम हैं जिन्होंने अपनी बुढ़ापे की उम्र में भी अपने शरीर की कसावट को बनाए रखा जिस कारण सालों बाद भी यह लोग हिन्दी सिनेमा में नाम कमा रहे हैं. सालों पहले भी गोविंदा के शरीर की कसावट कुछ खास नहीं दिखती थी पर आज 50 वर्ष की उम्र में उनके चेहरे पर बुढ़ापे की लकीरें नजर आने लगी हैं. कहते हैं कि जब किसी फिल्म की शूटिंग के दौरान तमाम कलाकार हेल्दी खाना खाते थे तो केवल गोविंदा ही ऐसे अभिनेता थे जो अपनी मां के हाथ का अचार और पराठे खाया करते थे. थोड़े से मोटे तो वे पहले से ही थे, बाद में और हो गए और कसरत की कमी ने चेहरे पर भी बुढ़ापे के निशान बना दिए.
govinda filmi career
Read Comments