टीवी पर रात को 8 से लेकर 10 का समय टीआरपी और महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. इस समय टीवी के रिमोट का कब्जा जहां महिलाओं के हाथ में होता है वहीं इस प्राइम टाइम में आने वाले शो की बैकग्राउंड गुजरात के हाथ में लगती है.
कुछ समय पहले टीवी पर आने वाले शोज में हमें बंगाली या राजस्थानी परिवार ज्यादा दिखते थे, लेकिन आजकल तो लगता है टीवी पर सिर्फ गुजराती परिवारों का ही कब्जा है. टीवी पर सबसे ज्यादा टीआरपी वाले अधिकतर शो तो पूरी तरह गुजराती थीम अपर बेस हैं जैसे साथ निभाना साथिया, मुक्ति बंधन ‘ या फिर संस्कार लक्ष्मी, बहनें, गुलाल , रंग बदलती ओढ़नी, कृष्णाबेन खाकरावाला, शोर, हमारी देवरानी, पापड़ पोल, तारक मेहता का उलटा चश्मा और राम मिलाई जोड़ी आदि. और तो और कई ऐसे चैनल्स हैं जिनके शो देखकर तो आपको लगेगा कि आप कहीं गुजरात की सैर तो नहीं कर रहे. सोनी चैनल पर पापड़ पोल, तारक मेहता का उलटा चश्मा, कृष्णाबेन खाकरावाला, मिसेज तेंदुलकर जैसे शोज गुजराती परिवार पर आधारित हैं.
गुजराती परिवार को बैकग्राउंड बनाने के पीछे जानकार मानते हैं कि आजकल लोगों के बीच गुजराती करैक्टर काफी पॉपुलर हैं. और साथ ही साथ गुजराती लेखक भी लिटरेचर फील्ड में काफी अच्छा काम कर रहे हैं. इसके साथ गुजराती कल्चर में कई रंग और विविधताएं मिल जाती हैं जिससे कहानी को आगे बढ़ाने में सहायता मिलती है.
कहानी के साथ गुजराती खान-पान और नाच-गाना खासकर गरबा तो आकर्षण का विशेष केन्द्र बन जाता है. चाहे कुछ भी हो पर गुजराती फ्लेवर में टीवी का नया स्वाद लोगों का काफी रास आ रहा है. देखना है आगे किस राज्य या प्रदेश की चलती है टीवी के प्राइम टाइम पर.
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