70 के दशक की अभिनेत्रियों की बात की जाए तो राखी का नाम शीर्ष अभिनेत्रियों के नामों में शुमार होगा। 15 अगस्त 1947 को जन्मीं राखी को हम उन नायिकाओं में गिन सकते हैं जिन्होंने अपने कॅरियर में प्रेमिका, पत्नी, भाभी और मां के किरदारों को बखूबी पर्दे पर उतारा। हालांक अब राखी पर्दे से दूर हैं, लेकिन उनके द्वारा निभाए किरादरों को लोग आज भी याद करते हैं। ऐसे में 70 जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनकी निजी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्से।
बंगाली फिल्मों से शुरू हुआ सफर
राखी ने फिल्मी सफर बंगला भाषा से शुरू किया, उन्हें महज दो ही बंगाली फिल्मों में अभनिय करने का मौका मिला। उसके बाद राखी ने अपने जीवन का वो निर्णय लिया जिसने उनके जीवन की दिशा को ही बदलकर रख दिया।
महज 15 वर्ष की उम्र में की शादी
राखी ने महज 15 साल की उम्र में ही किसी की पत्नी बन गई थी, उनकी शादी बंगाली निर्देशक अजय बिस्वास के साथ हो गई। हालांकि राखी का ये फैसाल उनकी जिंदगी को कुच सही दिशा नहीं दे पाया और वो कुछ सालों में ही अलग हो गए। तलका के बाद राखी का उसके बाद ही उनका असली संघर्ष प्रारंभ हुआ, जिसमें उन्हें खुद को साबित भी करना था और परिवार को संभालना भी था।
हिंदी फिल्मों से मिली पहचान
राखी की पहली हिन्दी फिल्म “जीवन-मृत्यु” थी जिसमें वे धर्मेन्द्र के साथ नजर आई। इसके सफल होने के बाद उनका कॅरियर भी नई राह पर चल पड़ा। उनकी अगली फिल्म “शर्मीली” में उन्होंने डबल रोल निभाकर अपने कदम मजबूती से जमा लिए। इसके बाद आई “दाग” भी हिट रही और उन्हें सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला। इन फिल्मों की सफलता ने राकी को बतौर एक्ट्रेस स्थापित करने में मदद की।
मशहूर गीतकार गुलजार से की दूसरी शादी
गुलजार ने जब राखी से प्रेम विवाह किया उस वक्त उन्होंने राखी के सामने एक शर्त रखी, शर्त ये थी कि शादी के बाद राखी फिल्मों से दूरी बना लेंगी। राखी ने गुलजार की शर्त मान ली और पर्दे से दूर हो गईं। लेकिन राखी को लगा कि वक्त के साथ शायद गुलजार उन्हें वापसी करने का मौका फिल्मों में देंगे।
राखी ने गुलजार की फिल्मों में काम करने का बनाया मन
गुलजार उन दिनों कई फिल्मों पर काम कर रहे थे, राखी को लगा शायद गुलजार उन्हें छोटा मोटा रोल दे देंगे। लेकिन गुलजार ने उन्हें छोड़कर शर्मिला टैगोर को अभिनेत्री के तौर पर चुना। उधर राखी खाली वक्त में खुद को अकेला महसूस करती इसलिए उन्होंने फिल्मों में आने का मन बनाया। हालांकि उन्होंने बिना गुलजार को बताए फिल्मों में वापस आने के निर्णय ले लिया।
दोबारा फिल्मों में वापसी पड़ी मंहगी
गुलजार ने राखी पर इस शर्त पर शादी की थी कि वो शादी के बाद कभी फिल्मों मे काम नहीं करेंगी, लेकिन राखी ने वादा तोड़ते हुए फिल्में साइन की। शादी के बाद उनकी फिल्मों ने वाकई जादू किया उन्होंने कई हिट फिल्में दीं इनमें, “कभी-कभी”,”कस्मे वादे”, “त्रिशूल”, “मुकद्दर का सिकंदर”, “दूसरा आदमी”, “जुर्माना”, “काला पत्थर” थीं। राखी का फिल्मों में काम करना इन दोनों के रिश्ते को लेकर डूबा, अचानक इस खूबसूरत से रिश्ते में झगड़े होने लगे और दरार पड़ने लगी।
तलाक नहीं हुआ लेकिन दूरी आज भी है
राकी का फिल्मों में आना गुलजार को अच्छा नहीं लगा और दोनों में इसी बात को लेकर दूरी आ गई। लेकिन आजतक इस रिश्ते ने तलाक का रूप नहीं लिया लेकिन दोनों अब साथ भी नहीं है। लोगों को लगा गुलजार अपनी बेटी मेघना की खातिर शायद समझौता कर लें या फिर राखी अपनी जिद के आगे झुक जाएंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोनों अपनी बात पर बने रहे और ये रिश्ता बिखर गया। हालांकि उनकी बेटी मेघना का इस रिश्ता पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। मेघना आज बॉलीवुड में बतौर निर्देशक काम कर रही हैं। मेघना की ‘तलवार’और ‘राजी’ मे उनके काम को बहुत सराहा गया था।
आज भी राखी को याद करते हैं गुलजार
गुलजार आज भी अपने गानों में अपनी कविताओं में राखी को याद करते हैं। कहा तो यह भी जाता है कि फिल्म इश्कियां का गाना‘दिल तो बच्चा है जी’को गुलजार ने राखी के लिए ही लिखा था। जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी में राखी की अहमियत बताई थी और अपनी खता के लिए माफी भी मांगी थी।…Next
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