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अमरीश पुरी हीरो से ज्यादा लेते थे फीस, फिल्मों के लिए छोड़ दी सरकारी नौकरी

आज अमरीश पुरी का जन्मदिन है, आज बेशक वो हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी फिल्में आज भी उनके बेहतरीन अभिनय की याद दिलाती हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में जब भी विलेन का नाम लिया जाता है तो 2 नाम जरूर आते हैं, गब्बर सिंह और मोगैम्बो। अमरीश पुरी बॉलीवुड के एक ऐसे विलेन थे जो फिल्मों में हीरो पर भारी पड़ जाते थे। अमरीश की ‘मिस्टर इंडिया’, ‘नगीना’, ‘नायक’, ‘दामिनी’ और ‘कोयला’ जैसी फिल्मों में उनकी एक्टिंग को भुलाना मुश्किल है। 80 और 90 के दशक में अमरीश फिल्मों का अहम हिस्सा हुआ करते थे। आज उसी मोगैम्बो उर्फ अमरीश पुरी का जन्मदिन है, आइए जानते हैं इस महान एक्टर की कुछ खास बातें।

Shilpi Singh
Shilpi Singh22 Jun, 2018

 

 

 

40 की उम्र में किया डेब्यू

 

 

अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को नवांशहर (जलंधर, पंजाब) में हुआ था, अमरीश पुरी का पूरा नाम अमरीश लाल पुरी था। अमरीश पुरी ने शिमला के ‘बी एम कॉलेज’ से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी। लगभग 40 साल की उम्र में अमरीश पुरी ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था, फिल्म का नाम ‘रेशमा और शेरा’ था।

 

फिल्मों का ऐसा जुनून था, छोड़ दी सरकारी नौकरी

 

 

थियेटर में काम करते हुए जब अमरीश को फिल्मों के ऑफर आने लगे तो उन्होंने कर्मचारी राज्य बीमा निगम की अपनी करीब 21 साल की सरकारी नौकरी छोड़ दी। इस्तीफा दिया तब वे ए ग्रेड के अफसर हो चुके थे, अमरीश नौकरी तभी छोड़ देना चाहते थे जब में थियेटर में एक्टिव हो गए थे। लेकिन सत्यदेव दुबे ने उनको कहा कि जब तक फिल्मों में अच्छे रोल नहीं मिलते वे ऐसा न करें। आखिरकार डायरेक्टर सुखदेव ने उन्हें एक नाटक के दौरान देखा और अपनी फिल्म ‘रेशमा और शेरा’  फिल्म के लिए साइन कर लिया,उस दौरान उनकी उम्र करीब 40 साल थी।

 

ऐसे विलेन जिनकी फीस हीरो से ज्यादा थी

 

 

अमरीश पुरी वीडियो या ऑडियो इंटरव्यू नहीं देते थे, कुछ मौकों पर उनकी फुटेज नजर भी आती है तो वो शूट के दौरान की रही है। वे अख़बारों या मैगजीन को इंटरव्यू देते हुए भी अपनी आवाज रिकॉर्ड नहीं करने देते थे। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी आवाज पर काफी मेहनत की है इसलिए वो अपने हुनर और काम की फीस से कभी समझौता नहीं करते। फिल्मों में उनके अभिनय और आवाज का ही जादू था कि मशहूर होने के बाद उन्हें कई फिल्मों में हीरो से ज्यादा फीस मिली। विलेन के तौर पर काम करने के लिए अमरीश 1 करोड़ रुपए से ज्यादा लेते थे।

 

हॉलीवुड भी अमरीश के कायल

 

 

अमरीश ने हिंदी ही नहीं हॉलीवुड फिल्म ‘इंडिआना जोंस एंड द टेम्पल ऑफ डूम’ में भी काम कर चुके थे। विदेशों में अमरीश पुरी को लोग ‘मोला राम’ के नाम से जानते हैं, उन्होंने 1984 में स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म ‘इंडिआना जोंस एंड द टेम्पल ऑफ डूम’ में मोला राम का किरदार निभाया था। स्पीलबर्ग हमेशा कहा करते थे की उनके लिए अमरीश पुरी पसंदीदा विलेन थे। 12 जनवरी 2005 को बल्ड कैंसर होने की वजह से अमरीश इस दुनिया से चले गए, लेकिन अपनी यादें हम सभी के दिल में छोड़ गए।…Next

 

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