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महज दो महीने चली थी रेखा और विनोद मेहरा की शादी, मौत के बाद रिलीज हुई उनकी ये फिल्म

विनोद मेहरा बॉलीवुड के उन चुनिंदा एक्टर्स में से एक हैं जिन्होंने बेहद कम समय में अपनी एक अलग पहचान बनाई और अपने पीछे छोड़ गए अपने काम की ऐसी छाप जो आज भी लोगों के दिलों पर है। अपनी सहज अभिनय शैली, शालीन सी मुस्कान और अपनी बोलती आंखों की चमक से लाखों लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने वाले अभिनेता विनोद मेहरा 70-80 के दशक के एक महत्वपूर्ण एक्टर रहे हैं। महज 45 साल की उम्र में समय ने इस जादुई अभिनेता को हमसे छीन लिया था! सौ से ज्यादा फ़िल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखा चुके विनोद का निधन 30 अक्टूबर 1990 को हार्ट अटैक के कारण हो गया था, लेकिन, आज भी सिनेमा के दीवाने उन्हें याद करते हैं। 13 फरवरी 1945 जन्मे विनोद मेहरा का आज जन्मदिन है, ऐसे में चलिए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।

Shilpi Singh
Shilpi Singh13 Feb, 2019

 

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अमृतसर में हुआ था जन्म

 

Mehra

 

बॉलीवुड एक्टर विनोद मेहरा का जन्म 13 फरवरी 1945 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। विनोद मेहरा ने 1950 के दशक में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत की थी और उन्होंने ‘गुरुदेव’ जैसी फिल्म डायरेक्ट भी की। हालांकि ये फिल्म उनके निधन के तीन साल बाद ही रिलीज हो सकी। विनोद मेहरा रेखा के साथ अपनी दोस्ती को लेकर काफी सुर्खियों में रहे।

 

जब राजेश खन्ना ने दी थी शिकस्त

 

 

 

विनोद मेहरा 1965 में आयोजित हुए ऑल इंडिया टैलेंट कॉन्टेस्ट के फाइनलिस्ट बने थे। इस कंपीटिशन का आयोजन यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेयर ने किया था। दिलचस्प यह रहा कि उन्हें राजेश खन्ना के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी और रनर अप बनकर ही संतोष करना पड़ा था।

 

ऐसा रहा फिल्मी सफर

 

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विनोद मेहरा ने लगभग 100 फिल्मों में काम किया, वे 1958 में ‘रागिनी’ फिल्म में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नजर आए थे। 1971 में उन्होंने ‘एक थी रीटा’ के साथ एक्टर के तौर पर करियर शुरू किया। उनकी प्रमुख फिल्मों मं ‘जानी दुश्मन’, ‘नागिन’, ‘घर’, ‘स्वर्ग नरक’, ‘कर्तव्य’, ‘साजन बिना सुहागन’, ‘एक ही रास्ता’ और ‘खुद्दार’ जैसी फिल्मों के नाम आते हैं। ‘अनुरोध’, ‘अमर दीप’ और ‘बेमिसाल’ में भी उनके काम को खूब सराहा गया था।

 

अपने रिश्तों को लेकर बटोरी सुर्खियां

 

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विनोद मेहरा की जिंदगी की तरह उनके निजी रिश्ते भी कम चर्चा का विषय नहीं रहे। विनोद मेहरा ने तीन बार शादी की, लेकिन अफसोस कोई भी शादी बहुत लंबे वक्त तक टिक नहीं पाई। इतना ही नहीं विनोद का नाम रेखा से भी जुड़ा और आलम ये रहा कि लंबे समय तक दोनों की प्रेम कहानी के चर्चे फिल्मी मैग्जीन और अखबरों में छाए रहे। उन दिनों खबरें थी कि दोनों ने चुपके से शादी भी कर ली है।

 

शादीशुदा होते हुए भी की दूसरी शादी

 

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बिंदिया गोस्वामी से बढ़ती नजदीकियों को बताया जाता है। विनोद मेहरा और बिंदिया गोस्वामी की ये नजदीकियां इतनी बढ़ गई कि पहले से शादीशुदा विनोद मेहरा ने उनसे शादी रचा ली। विनोद की दूसरी शादी के बाद उनकी पहली पत्नी उन्हें छो़डकर अपने परिवार के पास वापस चली गई। हालांकि विनोद और बिंदिया की ये शादी बहुत लंबे समय तक नहीं चल पाई और बिंदिया ने बाद में निर्देशक जे पी दत्ता से शादी कर ली।

 

रेखा से बढीं नजदीकियां

 

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बिंदिया के इस तरह चले जाने के बाद विनोद सदमे में आ गए थे और इसके बाद कुछ समय तक वो अकेले रहे। इसी दौरान उनकी मुलाकात रेखा से हुई और वो दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। इन दोनों ने एक साथ 10 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया।

 

रेखा को विनोद की मां ने चप्पल से मारा था!

 

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1973 में रेखा और विनोद मेहरा की शादी की खबरों ने काफी तुल पकड़ा था। मीडिया में रेखा और विनोद की गुपचुप शादी की खबरें खूब छपी। लेकिन विनोद मेहरा और रेखा की शादी 2 महीने से ज्यादा चल ना सकी। कहते है विनोद मेहरा की मां को रेखा एक बहू के तौर पर पसंद नहीं थी। शादी के बाद जब विनोद मेहरा रेखा को लेकर अपनी मां के पास गए थे तो उन्होंने रेखा को घर में घुसने नहीं दिया, चप्पल से रेखा की पिटाई कर दी थी। विनोद मेहरा ने बीच बचाव की कोशिश की लेकिन मां के गुस्से के आगे वो नाकाम रहे। इसके बाद जब रेखा ने विनोद मेहरा से मां और प्यार में से किसी एक को चुनने को कहा तो विनोद मेहरा ने मां को चुनना बेहतर समझा।

 

विनोद ने की तीसरी शादी

 

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बताया जाता है कि रेखा से अलग होने के बाद विनोद मेहरा ने तीसरी शादी किरण से की थी। 1988 में किरण से शादी के बाद उनके दो बच्चे हुए एक बेटा रोहन और बेटी सोनिया। 30 अक्टूबर 1990 में हार्ट अटैक से विनोद मेहरा की मौत के बाद उनकी पत्नी अपने दोनों बच्चों के साथ केन्या जाकर रहने लगी।

 

मौसमी चटर्जी के साथ हिट थी जोड़ी

 

 

पर्दे पर विनोद मेहरा की जोड़ी सबसे ज्यादा मौसमी चटर्जी के साथ पसंद की गयी। मोहम्मद रफ़ी उनके पसंदीदा गायक रहे और ‘गुरुदेव’ उनकी आखिरी रिलीज़ फ़िल्म थी जो उनकी मौत के तीन साल बाद आई थी! विनोद मेहरा ‘अमर प्रेम, ‘अनुरोध, ‘अनुराग’, घर’, ‘स्वर्ग नरक’, कुंवारा बाप’, ‘अमर दीप’, ‘नागिन’ आदि फ़िल्मों के लिए हमेशा याद किये जाते रहेंगे। …Next

 

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