इतिहास पर फिल्में बनाने के लिए मशहूर बॉलीवुड निर्देशक संजय लीला भंसाली जल्द ही ‘पद्मावती’ फिल्म लेकर आ रहे हैं. लेकिन फिल्म के शुरू होने से पहले ही फिल्म की कहानी को लेकर पूरे देशभर में चर्चा हो रही है और चर्चा का विषय कोई और नहीं बल्कि रानी ‘पद्मावती’ हैं. दरअसल विवाद इस बात को लेकर हो रहा है कि भंसाली इतिहास को छेड़ रहे हैं और वो ‘पद्मावती’ तथा अलाउद्दीन खिलजी की प्रेम कहानी दिखा रह हैं जो कभी इतिहास का हिस्सा ही नहीं था.
कौन है रानी पद्मावती?
गढ़ के राजा रतन सिंह से हुआ था. वीरांगना होने के साथ-साथ रानी पद्मावती बहुत खूबसूरत भी थीं. पद्मावती के पिता ने रिवाज के अनुसार उनका स्वयंवर आयोजित किया और इस स्वयंवर में उन्होंने सभी हिन्दू राजाओं और राजपूतों को बुलाया. राजा रतन सिंह भी पहले से ही अपनी एक पत्नी (नागमती) होने के बावजूद स्वयंवर में आए. रतन सिंह ने स्वयंवर जीता और पद्मावती से विवाह किया. विवाह के बाद पद्मावती के साथ वह वापस चित्तौड़गढ़ लौट गए.
अलाउद्दीन खिलजी और पद्मावती
खिलजी को अपने दर्शन एक शीशे के माध्यम से देंगी. रानी की बात का सम्मान करते हुए ऐसा ही हुआ और उनकी खूबसूरती पर खिलजी मोहित हो गया.
सेनापति गोरा और बादल ने छुड़ाया था राजा रतन सिंह को
इतिहास के मुताबिक पद्मावती के लिए खिलजी ने चित्तौड़गढ़ पर हमला कर दिया. इसके बाद उसने रानी पद्मावती के पति राजा रतन सिंह को बंधक बना लिया और पद्मावती की मांग करने लगा. उसके बाद चौहान राजपूत सेनापति गोरा और बादल ने खिलजी को हराने के लिए संदेश भिजवाया कि अगली सुबह पद्मावती उसके हवाले कर दी जाएगी. इसके लिए अगली सुबह 150 पालकियां खिलजी के शिविर की ओर भेजी गईं. इसके बाद पालकियों से सशस्त्र सैनिक निकले और रतन सिंह को छुड़ाकर ले गए. बताया जाता है कि गोरा इस मुठभेड़ में बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए जबकि बादल, रतन सिंह को सुरक्षित किले में तक ले गए.
चितौड़गढ़ पर खिलजी का हमला
जब खिलजी को पता चला कि रतन सिंह बंधी से मुक्त हो चुके हैं, तो गुस्से में उसने अपनी सेना को चितौड़गढ़ पर आक्रमण करने का आदेश दिया, लेकिन वो किले में प्रवेश ना कर पाया, जिसके बाद खिलजी ने किले की घेराबंदी कर दी. हालांकि इस लड़ाई में महाराज रतन सिंह खिलजी की सेना से लड़ते हुए मारे गए.
जब पद्मावती ने उठया ये कदम
बतातें हैं कि जब राजा की मृत्यु हो गई, उसके बाद चित्तौड़गढ़ की महिलाओं ने आग जलाई और अपनी आन-बान को बचाने के लिए रानी पद्मावती समेत कई महिलाओं ने आग में कूदकर अपनी जान दे दी. उस दौरान इस तरह से अपनी जान देने को जौहर कहते थे. जिन महिलाओं ने जौहर किया उनकी याद आज भी लोकगीतों में जीवित है जिसमें उनके गौरवान्वित कार्य का बखान किया जाता है.
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क्या है फिल्म की कहानी?
‘पद्मावती’ राजस्थान की कहानी है. फिल्म में शाहिद कपूर पद्मावती के पति और राजपूत शासक राजा रतन सिंह की भूमिका में हैं. इसके अलावा इस फिल्म में रणवीर सिंह सल्तनत काल में दिल्ली के शासक अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका निभा रहे हैं, जिसे रानी पद्मावती से प्रेम हो गया था. फिल्म में पद्मावती की भूमिका दीपिका पादुकोण निभा रही हैं.
ये है सरकारी आकंडों का सच
अगर आप गूगल पर जाकर सर्च करते हैं ‘राजस्थान टूरिज्म’ तो आपको पता चलेगा कि वाकई ऐसा कुछ हुआ था. राजस्थान सरकार की पर्यटन वेबसाइट के मुताबिक, अलाउद्दीन खिलजी चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मावती के प्यार में पड़ने की कहानी कोई कल्पना नहीं इतिहास है. खिलजी ने पद्मावती को पाने के लिए किले पर हमला किया और हमले में जीत भी हासिल की.
मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य की रचना है पद्मावती
पद्मावती या पद्ममिनी मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य ‘पद्मावत’ की महज एक कल्पना मात्र है. कहते हैं मलिक मोहम्मद जायसी ने उनकी खूबसूरती का बखान अपने महाकाव्य में किया था. इस रचना के मुताबिक, राजा रतन सिंह ऐतिहासिक व्यक्ति हैं, वह चित्तौड़गढ़ के राजा हैं, पद्मावती उनकी रानी है जिसके सौंदर्य की प्रशंसा सुनकर सुल्तान अलाउद्दीन खजली उन्हें प्राप्त करने के लिए चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण करता है और युद्ध में विजय प्राप्त करता है, लेकिन पद्मावती के मृत्यु के कारण वह पद्मावती को नहीं जीत पाता है….Next
नोट- हम रानी पद्मावती की ऐतिहासिक कहानी की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करते हैं, सभी तथ्य इंटरनेट से लिए गए हैं.
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